मुंगेर SP केसी सुरेंद्र बाबू के हत्यारे अरविंद पर दर्ज थे 85 केस,3 लाख था इनाम

2 hours ago

Last Updated:April 22, 2025, 09:26 IST

Bokaro Naxalites Encounter: झारखंड के बोकारो में ऑपरेशन "डाकाबेड़ा" में सुरक्षाबलों ने आठ नक्सलियों को मार गिराया जिसमें बिहार के अरविंद यादव भी शामिल था. अरविंद यादव पर तीन लाख का इनाम था और वह भाकपा माओवादी क...और पढ़ें

मुंगेर SP केसी सुरेंद्र बाबू के हत्यारे अरविंद पर दर्ज थे 85 केस,3 लाख था इनाम

झारखंड में मुठभेड़ में मारे गए नक्सली अरविंद यादव के घर पसरा है सन्नाटा, दर्ज हैं 85 केस.

हाइलाइट्स

बोकारो मुठभेड़ में 8 नक्सली ढेर, अरविंद यादव भी शामिल. जमीन विवाद के बाद नक्सली बना था अरविंद,दर्ज हैं 85 केस.झारखंड में मुठभेड़ में मारे गए नक्सली के घर पसरा है सन्नाटा.

जमुई. झारखंड के बोकारो के गुलु पहाड़ पर मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने आठ नक्सलियों को मार गिराया है जिसमें बिहार के जमुई जिले के भेलवा मोहनपुर का रहने वाला अरविंद यादव उर्फ अविनाश उर्फ नेता जी भी शामिल है. नक्सली अरविंद यादव पर बिहार सरकार ने तीन लाख का इनाम घोषित कर रखा था. झारखंड के बोकारो में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन “डाकाबेड़ा” में अरविंद के मारे जाने के बाद उसके गांव और घर पर सन्नाटा पसरा दिखा. घर में ताला लगा था और गांव में रहने वाले अरविंद यादव के पिता, मां और भाई में से कोई भी नहीं दिखे. गांव के लोग कुछ भी बताने से बचते दिखे. यहां तक कि गांव का कोई लोग अरविंद का घर कौन है यह भी बताने वाला नहीं था. अरविंद के घर SSB के कुछ जवान पहुंचे थे, लेकिन उनकी भी मुलाकात परिवार के किसी भी सदस्य से नहीं हुई.

बता दें कि अरविंद यादव उर्फ अविनाश बीते डेढ़ दशक से भी अधिक समय से नक्सली संगठन भाकपा माओवादी से जुड़ा है. बिहार और झारखंड के जिलों में सक्रिय रहने वाले अरविंद यादव अविनाश के नाम से संगठन का प्रवक्ता का भी काम कर चुका है. बोकारो में हुए मुठभेड़ के बाद वहां की पुलिस ने पुष्टि करते हुए बताया है कि सेंट्रल कमिटी के सदस्य एक करोड़ का इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक के अलावा सात और नक्सली मारे गए हैं और इनमें अरविंद यादव उर्फ अविनाश भी शामिल है. झारखंड पुलिस ने मारे गए सभी नक्सलियों के नाम का खुलासा किया है. अरविंद यादव उर्फ अविनाश भाकपा माओवादी के स्पेशल एरिया कमिटी का सदस्य था, जिसके खिलाफ नक्सल वारदात का कुल 85 मुकदमे दर्ज हैं.

पूर्वी बिहार और उत्तर-पूर्व झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठनों के शीर्ष नेताओं में शामिल माओवादी प्रवक्ता अरविंद यादव उर्फ अविनाश उर्फ अशोक यादव उर्फ नेताजी वर्ष 2009 में सोनो चौक पर हुए बहुचर्चित पुलिसकर्मी हत्याकांड में नामजद अभियुक्त था. इस भीषण घटना में नक्सलियों ने एएसआई कमालुद्दीन खान समेत सैप के चार जवानों की निर्मम हत्या कर दी थी. इसके अतिरिक्त बलथर पुल निर्माण के दौरान मजदूरों के अपहरण की साजिश में भी उसकी संलिप्तता पाई गई थी. सोनो थाना क्षेत्र के भेलवा मोहनपुर गांव निवासी अरविंद यादव करीब दो दशक पूर्व एक जमीन विवाद के बाद नक्सली संगठन से जुड़ा था. इसके बाद उसने माओवादी गतिविधियों में निरंतर सक्रिय रहते हुए संगठन में ऊंचा ओहदा हासिल कर लिया. माओवादी राज्य समिति में वरिष्ठ पद पर रहते हुए वह बिहार-झारखंड क्षेत्र का प्रवक्ता भी था.

मुंगेर एसपी केसी सुरेंद्र यादव का हत्यारोपी था अरविंद यादव
बता दें कि अरविंद यादव पर मुंगेर के तत्कालीन एसपी केसी सुरेंद्र बाबू की हत्या का भी आरोप था. अपनी हत्या के समय केसी सुरेंद्र बाबू मुंगेर जिले के पुलिस अधीक्षक थे. 1997 बैच के आईपीएस सुरेन्द्र बाबू अपने पांच अंगरक्षकों के साथ 5 जनवरी 2005 को भीम बांध वन्यजीव अभयारण्य में थे. इसी दौरान माओवादियों के किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में वह मारे गए थे.इस घटना में एसपी सहित जिप्सी पर सवार चालक और अंगरक्षक सहित कुल छह पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे. मृतकों में जिप्सी चालक मोहम्मद इस्लाम, अंगरक्षक ओमप्रकाश गुप्ता, मोहम्मद अब्दुल कलाम, शिव कुमार राम और ध्रुव कुमार ठाकुर शामिल थे.

मुंगेर एसपी केसी सुरेंद्र बाबू की हत्या का आरोपी था नक्सली अरविंद यादव.

डेढ़ दशक से अरविंद यादव को तलाश रही थी पुलिस 
गौरतलब है कि नक्सली अरविंद यादव न सिर्फ जमुई, बल्कि बांका, मुंगेर और लखीसराय जिले में भी लंबे समय तक सक्रिय रहा. इसके अलावा झारखंड के गिरिडीह समेत कई अन्य जिलों में भी उसने नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया. उसका प्रभाव क्षेत्र मुख्य रूप से लखीसराय जिले के कजरा और आसपास के इलाकों में था. फिर भी जिले में घटित कई बड़ी नक्सली वारदातों में उसकी भूमिका रही थी. अरविंद यादव के विरुद्ध सोनो थाना में चार, चरकापत्थर थाना में नौ, बरहट थाना में छह सहित जिले के विभिन्न थानों में अनेक संगीन मामले दर्ज हैं. झारखंड व बिहार पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा वर्षों से उसकी तलाश जारी थी.

अरविंद यादव की करोड़ों की संपत्ति भी जब्त की गई थी
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसकी करोड़ों की संपत्ति जब्त की थी. पुलिस ने कई बार उसके घर पर छापेमारी और कुर्की-जब्ती की कार्रवाई भी की, लेकिन वह अब तक गिरफ्तारी से बचता रहा. सूत्रों के अनुसार, वह पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदलता रहता था. भेलवा मोहनपुर स्थित उसके पुश्तैनी घर में वर्तमान में उसके पिता जमुना यादव, माता और एक भाई रहते हैं, अविनाश तीन भाइयों में सबसे बड़ा था.

First Published :

April 22, 2025, 09:26 IST

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