Last Updated:July 28, 2025, 08:41 IST
शख्स को अपने नवजात बेटे के हाव-भाव देखकर शक हुआ तो उसने DNA टेस्ट कराने का फैसला किया. इसके बाद उसे जो पता को उसके होश उड़ गए. वह सीधा पुलिस थाने पहुंच गया, हालांकि फिर जो खुलासा हुआ वह और भी चौंकाने वाला था.

हाइलाइट्स
हैदराबाद में अवैध सरोगेसी रैकेट का पर्दाफाश.नवजात बच्चे के डीएनए टेस्ट से मामला उजागर हुआ.डॉ. नम्रता समेत 10 लोग गिरफ्तार.हैदराबाद में एक सनसनीखेज अवैध सरोगेसी और स्पर्म तस्करी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसने न केवल एक दंपति को झकझोर दिया बल्कि पूरे देश में फर्टिलिटी क्लीनिकों पर सवाल खड़े कर दिए. दरअसल इस दंपति ने अपने बेटे का डीएनए टेस्ट कराया तो उनके होश उड़ गए. सरोगेसी से जन्मे इस बच्चे का डीएनए उनके साथ मेल नहीं खाता था, जिसे देखकर वह सीधा थाने पहुंच गए. पुलिस ने फिर उनकी शिकायत पर रेजिमेंटल बाजार में स्थित यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर पर छापा मारा तो जो खुलासा हुआ, वह और भी चौंकाने वाला था.
पुलिस ने इस मामले में कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें फर्टिलिटी सेंटर की मैनेजर डॉ. आतलुरी नम्रता उर्फ पचिपाला नम्रता भी शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, यह रैकेट कमजोर और जरूरतमंद महिलाओं को निशाना बनाता था, खास तौर से उन महिलाओं को जो गर्भपात करवाने के लिए क्लीनिक में आती थीं. इन महिलाओं को पैसे और दूसरी चीज़ों का लालच देकर गर्भ जारी रखने के लिए राजी किया जाता था, और फिर उनके नवजात बच्चों को उन दंपतियों को सौंप दिया जाता था जो सरोगेसी के लिए क्लीनिक में आए थे.
हैदराबाद के नॉर्थ जोन की डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) एस. रश्मि पेरुमल ने बताया कि क्लीनिक ने लोगों को यह विश्वास दिलाया कि बच्चे उनके जैविक संतान हैं, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं था. यह एक बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा ‘सरोगेसी और बेबी-सेलिंग स्कैम’ था.
35 लाख रुपये की ठगी
शिकायतकर्ता दंपति मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं और वर्तमान में सिकंदराबाद में रह रहे हैं. उन्होंने अगस्त 2024 में यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर में फर्टिलिटी और आईवीएफ सलाह के लिए संपर्क किया था. दंपति के मुताबिक, डॉ. नम्रता ने उनके फर्टिलिटी टेस्ट किए और उन्हें सरोगेसी का रास्ता अपनाने की सलाह दी. डीसीपी रश्मि पेरुमल ने बताया कि दंपति को विशाखापत्तनम में क्लीनिक की दूसरी ब्रांच में सैंपल (स्पर्म और एग) जमा करने के लिए कहा गया. क्लीनिक ने दावा किया कि वे एक सरोगेट मां की व्यवस्था करेंगे और दंपति के भ्रूण को उसमें प्रत्यारोपित किया जाएगा.
नौ महीनों के दौरान, दंपति ने क्लीनिक को कई बार पैसे दिए, जो कुल मिलाकर 35 लाख रुपये से अधिक हो गए. जून 2025 में, दंपति को सूचित किया गया कि विशाखापत्तनम में सरोगेट मां ने सिजेरियन डिलीवरी के जरिए एक बेटे को जन्म दिया है. उन्हें डिलीवरी शुल्क के रूप में अतिरिक्त 2 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा गया. बच्चे को एक फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के साथ दंपति को सौंप दिया गया, जिसमें दावा किया गया कि बच्चा उनका जैविक संतान है.
डीएनए टेस्ट ने खोली पोल
बच्चे का हाव-भाव देखकर दंपति को शक हुआ तो उन्होंने डीएनए टेस्ट करवाने का फैसला किया. लेकिन क्लीनिक ने डीएनए टेस्ट में देरी की और कोई दस्तावेज देने से इनकार कर दिया. जब दंपति ने दिल्ली में स्वतंत्र रूप से डीएनए टेस्ट करवाया, तो परिणाम ने उनके होश उड़ा दिए. बच्चा उनके साथ जैविक रूप से संबंधित नहीं था. जब उन्होंने क्लीनिक से जवाब मांगा, तो डॉ. नम्रता ने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन बाद में वह गायब हो गईं और क्लीनिक ने उन्हें धमकियां देनी शुरू कर दीं. इससे परेशान होकर दंपति ने गोपालपुरम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की.
अवैध रैकेट का खुलासा
शनिवार को पुलिस ने गोपालपुरम पुलिस स्टेशन, नॉर्थ जोन पुलिस, और मेडिकल एंड हेल्थ डिपार्टमेंट की संयुक्त टीम के साथ सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर पर छापा मारा. जांच में पता चला कि डॉ. नम्रता विजयवाड़ा, सिकंदराबाद, विशाखापत्तनम और कोंडापुर में फर्टिलिटी सेंटर चला रही थीं. वह हर ग्राहक से 20 से 30 लाख रुपये की उगाही करती थीं और झूठे वादों के साथ नवजात बच्चों को सरोगेसी के नाम पर बेचती थीं.
पुलिस ने पाया कि सेंटर का रजिस्ट्रेशन 2021 में रद्द कर दिया गया था, लेकिन डॉ. नम्रता ने एक अन्य प्रमाणित डॉक्टर, सुरी श्रीमती, के नाम का उपयोग करके अवैध रूप से क्लीनिक चलाना जारी रखा. छापेमारी के दौरान पुलिस ने मेडिकल उपकरण, दवाएं, मोबाइल फोन, डिजिटल डिवाइस, केस रिकॉर्ड और सरोगेसी दस्तावेज जब्त किए.
जांच में खुलासा हुआ कि यह रैकेट इंडियन स्पर्म टेक नामक एक बिना लाइसेंस वाली कंपनी के साथ मिलकर काम करता था, जो गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में स्पर्म और एग की अवैध तस्करी करता था. पुलिस ने इंडियन स्पर्म टेक के क्षेत्रीय मैनेजर पंकज सोनी और छह अन्य व्यक्तियों संपत, श्रीनु, जितेंद्र, शिव, मणिकांत और बोरो को भी गिरफ्तार किया. इस मामले में बच्चे के जैविक माता-पिता, असम के रहने वाले मोहम्मद अली आदिल और नसरीन बेगम, को भी गिरफ्तार किया गया, जिन्हें बच्चे के बदले मामूली राशि दी गई थी. बच्चे को बाल संरक्षण प्रोटोकॉल के तहत ‘शिशु विहार’ को सौंप दिया गया.
अन्य गिरफ्तार लोगों में डॉ. नम्रता का बेटा पचिपाला जयंत कृष्णा (25), जो एक वकील है और उनकी वित्तीय व्यवस्था संभालता था, विशाखापत्तनम शाखा की मैनेजर सी. कल्याणी अटचय्यम्मा (40), लैब तकनीशियन और भ्रूणविज्ञानी जी. चेन्ना राव (37), और गांधी अस्पताल में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ एन. सदानंदम (41) शामिल हैं.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
Hyderabad,Telangana