Last Updated:February 15, 2025, 22:18 IST
Cryptocurrency Scam: ED की टीम ने सैकड़ों करोड़ के क्रिप्टोकरंसी घोटाला मामले में बड़ा एक्शन लिया है. जांच एजेंसी ने इस मामले में 1646 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की है.

ED ने क्रिप्टोकरंसी फ्रॉड मामले में बड़ी कार्रवाई की है.
हाइलाइट्स
ED की अहमदाबाद यूनिट ने 1646 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की हैघोटालेबाजों ने निवेशकों को 3700 फीसद तक के रिटर्न का दिया था झांसालोगों ने जमकर पैसा लगाया, रिटर्न की बारी आई तब घोटाले का हुआ खुलासाअहमदाबाद. ED ने क्रिप्टोकरंसी घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की है. जांच एजेंसी ने बिटकनेक्ट क्रिप्टोकरंसी घोटाला मामले में 1646 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की है. आरोपियों ने 40 फीसद हर महीने और सालाना 3700 प्रतिशत तक का रिटर्न देने का दावा किया था. लोग आरोपियों के इस झांसे में आ गए और इसमें बड़ी संख्या में इन्वेस्ट किया. बाद में जब घोटाले का पर्दाफाश हुआ तो निवेशकों के होश उड़ गए. जांच एजेंसी ने इसी मामले में कार्रवाई की है.
ED ने बिटकनेक्ट क्रिप्टोकरंसी घोटाले के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत कार्रवाई की है. ED ने इस मामले में 1646 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की है. इसके अलावा, 13,50,500 रुपये नकद, एक लेक्सस कार और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए हैं. सूरत सीआईडी क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा इस बाबत मामला दर्ज करने के बाद ईडी की ओर से जांच शुरू की गई. एफआईआर के आधार पर ED ने मामले की छानबीन शुरू की थी. जांच में यह खुलासा हुआ कि नवंबर 2016 से जनवरी 2018 के बीच आरोपियों ने बिटकनेक्ट के तथाकथित लेंडिंग प्रोग्राम के जरिए धोखाधड़ी और बिना रजिस्ट्रेशन के निवेश योजनाओं की पेशकश की थी. इसमें भारत सहित दुनिया भर के निवेशकों से निवेश प्राप्त किया गया था.
कैसे हुआ घोटाला?
बिटकनेक्ट के संस्थापक ने एक ग्लोबल नेटवर्क बनाया और एजेंट को कमीशन देकर इस घोटाले को फैलाया. निवेशकों को यह झांसा दिया गया कि उनका पैसा एक विशेष वोलैटिलिटी सॉफ्टवेयर ट्रेडिंग बॉट में लगाया जाएगा. आरोपियों ने 40 फीसद मासिक और सालाना 3700 प्रतिशत तक का रिटर्न देगा, लेकिन असल में निवेशकों का पैसा ट्रेडिंग में न लगाकर इसे निजी डिजिटल वॉलेट्स में ट्रांसफर कर हड़प लिया गया.
ईडी ने कैसे पकड़ा?
ईडी ने इस मामले की गहराई से जांच की और विभिन्न क्रिप्टो वॉलेट्स के माध्यम से किए गए जटिल लेन-देन की परतें खोलीं. जांच में पाया गया कि ट्रांजेक्शन को ट्रेस होने से बचाने के लिए कई लेनदेन डार्क वेब के जरिए किए गए थे, लेकिन डिजिटल वॉलेट्स को ट्रैक कर और जमीनी स्तर पर इंटेलिजेंस जुटाकर ईडी ने इन वॉलेट्स और संबंधित परिसरों की पहचान की. इसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाकर डिजिटल डिवाइस को जब्त कर लिया गया, जिनमें 1646 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरंसी मिली.
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
इससे पहले, ईडी अहमदाबाद ने इसी मामले में 489 करोड़ रुपये मूल्य की चल-अचल संपत्तियां कुर्क की थीं. इसके अलावा यह भी पता चला है कि बिटकनेक्ट घोटाले में विदेशी निवेशकों ने भी पैसे लगाए थे और इस मामले के मुख्य आरोपी की अमेरिका में भी जांच चल रही है.
Location :
Ahmadabad,Gujarat
First Published :
February 15, 2025, 22:18 IST