Last Updated:July 10, 2025, 09:48 IST
GK Question: सेना पुल पर कदमताल करते समय कंपन से बचने के लिए रुकती या ताल तोड़ती है. इसका साइंटिफिक कारण रेजोनेंस है, जो पुल को नुकसान पहुंचा सकता है.

GK Question: आर्मी जब कदमताल में पुल पर पहुंचती है, तो उन्हें अक्सर क्यों रुकना पड़ता है?
GK Question: गुजरात के वडोदरा जिले में एक 43 साल पुराना पुल बुधवार को अचानक ढह गया, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई. इस पुल की खतरनाक स्थिति को लेकर अधिकारियों को चेतावनी दी गई थी, कि मुजपुर-गंभीरा पुल पर “असामान्य कंपन” महसूस हो रहे हैं और यह पुल “खतरनाक” स्थिति में है. ऐसी ही कंपन से बचने के लिए जब सेना एक साथ कदमताल करते हुए पुल पर पहुंचती है, तो उन्हें अक्सर रुकना पड़ता है या ताल से बाहर चलना होता है. ऐसा क्यों किया जाता है? इसके पीछे एक महत्वपूर्ण साइंटिफिक कारण है, जिसे रेजोनेंस (Resonance) कहते हैं.
रेजोनेंस क्या होता है?
हर वस्तु की एक नेचुरल फ्रीक्वेंसी (natural frequency) होती है, यानी वह किस गति से स्वाभाविक रूप से कंपन करती है. जब कोई बाहरी बल इसी फ्रीक्वेंसी पर बार-बार लगता है, तो उस वस्तु में तेज़ और खतरनाक दोलन (Oscillation) शुरू हो सकते हैं. इस प्रक्रिया को ही रेजोनेंस कहा जाता है.
रेजोनेंस और सेना के मार्च का संबंध
जब सैनिक एक साथ, लय में कदमताल करते हैं, तो वे ज़मीन या पुल पर एक नियत गति से दोहराए गए बल (rhythmic force) डालते हैं. अगर यह बल उस पुल की नेचुरल फ्रीक्वेंसी से मेल खा जाए, तो पुल में तेज़ कंपन शुरू हो सकता है, जो उसके टूटने या गिरने का कारण बन सकता है.
ब्रॉटन पुल दुर्घटना (1831)
ब्रिटेन के ब्रॉटन सस्पेंशन ब्रिज की घटना इस सिद्धांत का जीवंत उदाहरण है. वर्ष 1831 में जब सैनिकों की एक टुकड़ी ताल से ताल मिलाकर पुल पार कर रही थी, तब पुल रेजोनेंस के प्रभाव में आ गया और टूटकर गिर गया. इसके बाद से सेनाओं को आदेश दिया जाने लगा कि वे पुल पर कदमताल तोड़कर चलें.
आधुनिक पुल क्या रेजोनेंस से सुरक्षित हैं?
आज के पुल पुराने समय की तुलना में कहीं ज़्यादा मजबूत और तकनीकी रूप से एडवांस्ड होते हैं.
इंजीनियरिंग डिजाइन के दौरान:
पुलों की नेचुरल फ्रीक्वेंसी का विश्लेषण किया जाता है.
विभिन्न सामग्रियों का इस्तेमाल होता है.
विशेष डैम्पिंग सिस्टम लगाए जाते हैं, जो अतिरिक्त ऊर्जा को सोखकर कंपन को कम करते हैं.
इन उपायों के कारण, आधुनिक पुल रेजोनेंस के असर से काफी हद तक सुरक्षित होते हैं.
फिर भी क्यों तोड़ी जाती है कदमताल?
भले ही आज के पुल तकनीकी रूप से मजबूत हैं, लेकिन सावधानी हमेशा जरूरी होती है. इसलिए, आज भी जब सैन्य टुकड़ी किसी पुल को पार करती है, तो वे आमतौर पर ताल से बाहर चलती है या धीरे-धीरे पार करती है, ताकि कोई भी अनावश्यक कंपन न हो. यह न केवल एक एहतियात है, बल्कि साइंस और इंजीनियरिंग की समझ का सम्मान भी है.
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पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...
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