Last Updated:January 13, 2025, 20:03 IST
MP News : मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने राज्य के धार्मिक नगरों में शराबबंदी की बात कही है. सीएम ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि धार्मिक नगरों की पवित्रता बनी रहे, इसलिए आबकारी नीति में जल्द ही संसोधन किया जा...और पढ़ें
हाइलाइट्स
मध्य प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराब बिक्री पर रोक लग सकती है.सीएम ने धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाने की बात कही.उज्जैन सहित 17 शहरों में नए नियम लागू हो सकते हैं.भोपाल. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार धार्मिक नगरों से शराबबंदी लागू करने पर विचार कर रही है. इस बारे में साधु-संतों के सुझावों पर राज्य सरकार गंभीर है. धार्मिक नगरों का वातावरण प्रभावित होने की शिकायतें मिलती रहती हैं. डॉ यादव ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि धार्मिक नगरों की पवित्रता बनी रहे. राज्य सरकार जल्द ही निर्णय लेकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी. अगर यह फैसला अमल में लाया गया तो उज्जैन समेत मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू हो जाएगी. यानी इन धार्मिक शहरों में शराब नहीं बिकेगी.
सीएम ने कहा, ‘सरकार धार्मिक नगरों में शराबबंदी को लेकर आबकारी नीति में संशोधन करने पर विचार कर रही है. एक 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में इस नीति को अमल में लाया जा सकता है.’
इन 17 धार्मिक शहरों पर लागू हो सकती है शराबबंदी
उज्जैन समेत प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू किए जाने की बात सामने आ रही है. इन संभावित धार्मिक नगरों में अमरकंटक, महेश्वर, ओरछा (रामराजा मंदिर), ओंकारेश्वर, मंडला (नर्मादाघाट), मुलताई (ताप्ती नदी), दतिया (पीतांबरा देवीपीठ), जबलपुर (नर्मदा घाट), चित्रकूट (रामघाट), मैहर (शारदा मंदिर), सलकनपुर (बिजासन मंदिर), मंडलेश्वर (नर्मदा घाट), मंदसौर (पशुपतिनाथ मंदिर), बरमान और पन्ना (जुगल किशोर मंदिर) के नाम शामिल हो सकते हैं.
हालांकि, इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में भी प्रदेश के 17 शहरों को पवित्र नगर घोषित करके यहां कई प्रतिबंध लगाए जाने थे लेकिन आदेश पर अमल नहीं हो पाया.
क्षिप्रा नदी होगी प्रदूषण मुक्त
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित कान्ह क्लोज डक्ट डायवर्जन परियोजना का निरीक्षण किया. यह परियोजना क्षिप्रा नदी को शुद्ध और प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से बनाई जा रही है. मुख्यमंत्री ने बामोरा गांव स्थित 32 मीटर गहरे शाफ्ट-3 की टनल में उतरकर कार्य का मुआयना किया. डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके तहत कान्ह नदी का दूषित जल क्षिप्रा के किनारे तक नहीं पहुंचेगा. यह पानी गंभीर नदी के डाउनस्ट्रीम तक शुद्ध होकर जाएगा, जिससे न केवल क्षिप्रा स्वच्छ होगी, बल्कि किसानों को भी सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा.
Location :
Ujjain,Madhya Pradesh
First Published :
January 13, 2025, 20:03 IST