चिकन नेक पर मजबूत हैं हम, तीन तरफ से घेर रखा है भारतीय फौज ने

19 hours ago

Last Updated:January 13, 2025, 19:09 IST

India China issue- भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में हालातों में सुधार दिख रहा है. LAC के बाकी हिस्से भी फिलहाल शांत है. चीन की फितरत से पूरी दुनियां वाकिफ है लेहाजा भारत किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहता. तैनाती...और पढ़ें

India China issue : चीन ने 2017 में डोकलाम में भारत के हाथों करारी हार चखने के बाद अब फिर से उन इलाको में काम को तेज किया है. भारतीय सेना ने चीन के काम को सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर तांक झांक करने से रोक दिया था. चीन को तोरसा नाले के आगे चीन को सडक बनाने से रोका गया था. लेकिन धीरे धीरे चीन अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाने में जुटा है. हाल ही में कुछ सैटेलाइट तस्वीरों में इस बात का खुलसा हुआ था कि चीन ने पिछले 8 साल में 22 गांव डोक्लाम के पास तैयार किए हैं. सेना प्रमुख ने साफ किया कि चीन की हर गतिविधियों पर हमारी पैनी नजर है.

भारतीय सेना एक्शन रियेक्शन के लिए तैयार
भारत के लिए सिलीगुड़ी कॉरेडोर जिसे चिकेन नेक के नाम से जाना जाता है. पश्चिम बंगाल का 60 किलोमीटर लंबा और 21 किलोमीटर चौड़ा जमीन का हिस्सा है. यह सामरिक रूप से बेहद अहम है. यह हिस्सा पूवोत्तर राज्यों को जमीन के रास्ते बाकी देश को जोड़ता है. पिछले कुछ समय में चीन ने डोकलाम के पास अपनी गतिविधियां बढ़ाई है. थल सेना प्रमुख ने चीन की हरकतों के सवाल के जवाब में कहा कि चिकन नेक के पास भारतीय सेना का जमावड़ा तीन तरफ से है. पश्चिम बंगाल, सिक्कम और उत्तर पूर्व में तैनात सैनिकों की वजह से यह हमारा मजबूत पक्ष है. हम चीन की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है. हमारी सेना किसी एक्शन या रियेक्शन के लिए पूरी तरह से तैयार है.

चीन भूटान से हड़प रहा है जमीन
सिलीगुड़ी कॉरेडोर से भारत की सीमा बांग्लादेश और नेपाल से लगती है. तिब्बत की चुंबी वैली भारत का सिक्किम और भूटान के डोक्लाम का ट्राई जंक्शन इसके करीब है. डोकलाम में अपनी गतिविधियों को बढ़ाते हुए जामफेरी रिज तक पहुंचने की तैयारी है.  जिस तोरसा नाले पर पुल बनाने को लेकर 2017 में विवाद हुआ था रिपोर्टस की मानें तो चीन ने उस नाले पर पुल का निर्माण कर लिया है. जामफेरी रिज से तो सिलीगुड़ी कॉरेडोर पर नजर रखना आसान है. चीन और भूटान के बीच तकरीबन 477 किलोमीटर लंबी सीमा को लेकर 80 के दशक से विवाद चल रहा है. जिन दो इलाकों को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है, उनमें एक है 269 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का डोकलाम इलाका.  दूसरा इलाका भूटान के उत्तर में 495 वर्ग किलोमीटर का जकारलुंग और पासमलुंग घाटी का है. अक्टूबर 2021 में चीन और भूटान ने ‘थ्री-स्टेप रोडमैप’ के समझौते पर दस्तखत किए थे. हांलाकि चीन लैंड स्वैपिंग के जरिए डोक्लाम के हिस्से को खुद के पास लेना चाहता है.

LAC पर स्तिथि संवेदनशील लेकिन स्थिर
पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के सेनाओं ने देपसांग और डेमचॉक में पहले की तरह पारंपरिक इलाकों में पेट्रोलिंग शुरू हो गई है साथ ही चरवाहों को जाने की इजाजत भी दे दी गई है. दो बार वेरिफिकेशन पेट्रोल किया जा चुका है. थलसेना प्रमुख ने साफ कहा कि नॉर्दन बॉर्डर में स्थिति संवेदनशील है लेकिन स्थिर है. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने साफ किया कि पेट्रोलिंग और चरागाहों में चरवाहों जैसे मुद्दों को सुलझाने के लिए लोकल कोर कमांडर को अधिकार दिए गए हैं. एलएसी पर पूरी तरह गतिरोध कम खत्म होगा, इसे लेकर आर्मी चीफ ने कहा कि भारत के पास पर्याप्त रणनीतिक संयम है. पूर्वी लद्दाख में इस सर्दियों में भी सैनिकों की तैनाती को बरकरार रखा गया है. गर्मियों में रिव्यू किया जाएगा और सैनिकों को कम करने का फैसाला लिया जाएगा.

First Published :

January 13, 2025, 19:09 IST

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