Last Updated:July 10, 2025, 09:08 IST
IDBI Disinvestment : सरकार ने आईडीबीआई बैंक में अपना पूरा हिस्सा बेचने का मन पूरी तरह बना लिया है. माना जा रहा है कि इस बार अक्टूबर तक यह डील क्लोज करने का अनुमान है. सरकार के साथ एलआईसी भी अपनी हिस्सेदारी ...और पढ़ें

आईडीबीआई बैंक में सरकार अपनी कुल हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है.
हाइलाइट्स
सरकार IDBI बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी.अक्टूबर तक IDBI बैंक पूरी तरह प्राइवेट हो जाएगा.सरकार और LIC संयुक्त रूप से 60.72% हिस्सेदारी बेचेंगे.नई दिल्ली. एक और बैंक में सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की पूरी तैयारी कर चुकी है. वैसे तो इसका प्लान काफी पहले ही बनाया गया था, लेकिन अब माना जा रहा है कि अक्टूबर तक इस विनिवेश को पूरा कर लिया जाएगा. मामले से जुड़े दो अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही बैंक में हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार बोलियां आमंत्रित करेगी और प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही यह बैंक पूरी तरह प्राइवेट हो जाएगा.
एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने बताया कि IDBI बैंक हिस्सेदारी की बिक्री अक्टूबर तक पूरी और अंतिम रूप से कर दी जाएगी. यह आश्वासन तब आया जब 9 जुलाई को विनिवेश पर अंतर-मंत्रालयी समूह (IMG) ने ड्राफ्ट शेयर खरीद समझौते पर चर्चा की, जो उच्च अधिकारियों से अंतिम अनुमोदन प्राप्त करने से पहले एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है. शेयर खरीद समझौता (SPA) एक कानूनी अनुबंध है, जो उस लेन-देन की शर्तों और नियमों को रेखांकित करता है जिसमें शेयर बेचे जा रहे हैं.
इस बार विनिवेश का पूरा अनुमान
IMG की बैठक ने विनिवेश पर सचिवों के कोर ग्रुप (CGD) और केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रीमंडल पैनल ने SPA को मंजूरी देकर विनिवेश की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. सूत्रों का कहना है कि SPA महत्वपूर्ण कदम है. एक बार इसे अंतिम रूप देकर मंजूरी मिल जाने के बाद सरकार वित्तीय बोलियों और सौदे की समाप्ति की ओर बढ़ सकती है. अगर कोई रुकावट नहीं आती है, तो IDBI बैंक में हिस्सेदारी की बिक्री हो जाएगी. वित्तीय बोलियों के बाद, एक बार बोलीदाता चुने जाने पर SPA पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. उसी दिन सरकार के शेयर बोलीदाता को ट्रांसफर होंगे और सरकार के खाते में पैसे आ जाएंगे.
सरकार और एलआईसी दोनों बेचेंगे हिस्सा
इस रणनीतिक बिक्री में सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) संयुक्त रूप से IDBI बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहे हैं. जनवरी 2019 में LIC द्वारा हिस्सेदारी खरीदने के बाद RBI ने IDBI बैंक को प्राइवेट बैंक घोषित कर दिया था. हालांकि, सरकार और LIC अभी भी सामूहिक रूप से महत्वपूर्ण बहुमत हिस्सेदारी रखते हैं. वर्तमान में केंद्र सरकार के पास 30.48 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि LIC के पास 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है.
विनिवेश के बाद खुल जाएगा रास्ता
IDBI बैंक की हिस्सेदारी बिक्री केंद्र की निजीकरण योजना का एक प्रमुख हिस्सा रही है. इस प्रक्रिया में अनुपालन, नियामक जांच और बदलती बाजार स्थितियों के कारण देरी हुई है, लेकिन अब यह अंतिम चरण में है. अगर अक्टूबर तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो IDBI बैंक का प्रमुख बैंकों में पहला निजीकरण होगा. इससे भविष्य में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हिस्सेदारी बेचने का रास्ता खुल जाएगा. फिलहाल इस विनिवेश को बैंकों में हिस्सेदारी बेचने के मामले में एक परीक्षण माना जा रहा है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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