Last Updated:March 28, 2025, 20:17 IST
Bangladesh-China Deal: चटगांव की जिस धरती से बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का ऐलान किया गया था, अब उसी जगह पर चीन इकोनॉमिक जोन बनाने जा रहा है. यह भारत के लिए चिंता की बात है.

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच समझौता. (PTI)
हाइलाइट्स
चीन और बांग्लादेश के बीच 9 बड़े समझौतों पर हुए दस्तखत, कई परेशान करने वाले.चटगांव में चीन इंडस्ट्रियल इकोनॉमिक जोन बनाने जा रहा है, जहां जहाज तक बनेंगे.मोंगला बंदरगाह का विस्तार करने पर भी चीन भारी भरकम निवेश करने जा रहा है.पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े करके बांग्लादेश बसा दिया. लेकिन जिस चटगांव से ‘बांग्लादेश मुक्ति संग्राम’ का ऐलान हुआ, भारत के जयघोष गूंजे, अब उसी चटगांव में चीन सबसे बड़ा औद्योगिक शहर बसाने जा रहा है. शुक्रवार को बांग्लादेश सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले तो जिन 9 बड़े समझौतों पर दस्तखत हुए, उनमें से एक चटगांव में चीन औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र (China Industrial Economic Zone) बनाने का ऐलान भी शामिल है. यह एक ऐसी जगह होगी, जहां चीन हवाई जहाज बनाएगा. फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, गारमेंट इंडस्ट्री लगाएगा.
जिनपिंग और मोहम्मद यूनुस ने आर्थिक और तकनीकी सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किए. लेकिन सबसे बड़ी घोषणा चाइन इंडस्ट्रियल इकोनॉमिक जोन और मोंगला बंदरगाह को आधुनिक बनाने का था. चीन यह इंडस्ट्रियल इकोनॉमिक जोन बांग्लादेश के चटगांव में 750 एकड़ जमीन पर बनाने जा रहा है, जहां चीनी कंपनियां बड़े पैमाने पर निवेश करेंगी. चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत विकसित किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट से बांग्लादेश में 75,000 से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है, जो वहां के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ा अवसर होगा. बंदरगाह के पास होने की वजह से एक्सपोर्ट का यह बड़ा मौका देगा.
मोंगला बंदरगाह का विस्तार
चीन बांग्लादेश के दूसरे सबसे बड़े बंदरगाह मोंगला बंदरगाह का विस्तार करने के लिए बड़ा पैसा खर्च करने जा रहा है. बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित मोंगला बंदरगाह काफी अहम है. चीन बंदरगाह की क्षमता बढ़ाएगा, नए जेटी बनाए जाएंगे, और इसे बड़े कंटेनर जहाजों के लिए उपयुक्त बनाया जाएगा. इससे बांग्लादेश का समुद्री व्यापार बढ़ेगा और चटगांव बंदरगाह पर दबाव कम होगा. चीन की योजना इस बंदरगाह को अपने समुद्री सिल्क रोड (Maritime Silk Road) का हिस्सा बनाने की है, जिससे वह दक्षिण एशिया में अपनी पहुंच मजबूत कर सके.
भारत के लिए क्यों चिंताजनक?
1. रणनीतिक घेराबंदी (String of Pearls)
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत चीन हिंद महासागर क्षेत्र में कई बंदरगाहों पर नियंत्रण बढ़ा रहा है, जैसे पाकिस्तान का ग्वादर, श्रीलंका का हंबनटोटा, और अब बांग्लादेश का मोंगला. इसे “स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स” रणनीति कहा जाता है, जिसका मकसद भारत को समुद्री मार्गों से घेरना है. मोंगला बंदरगाह का आधुनिकीकरण और चीन का उस पर प्रभाव भारत के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि यह बंगाल की खाड़ी में भारत की सुरक्षा और प्रभाव को चुनौती दे सकता है.
2. आर्थिक चुनौती
चीन का औद्योगिक क्षेत्र और मोंगला बंदरगाह बांग्लादेश को व्यापार और निवेश का बड़ा केंद्र बना सकते हैं. इससे बांग्लादेश में चीनी कंपनियों का दबदबा बढ़ेगा, जो भारत के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचा सकता है. भारत भी बांग्लादेश में निवेश कर रहा है, जैसे मोंगला में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र और बंदरगाह के संचालन के अधिकार, लेकिन चीन की बड़ी पूंजी और तेजी से काम करने की क्षमता भारत को पीछे छोड़ सकती है.
4. सैन्य खतरा
मोंगला बंदरगाह अभी व्यावसायिक उपयोग के लिए है, लेकिन भविष्य में चीन इसे सैन्य अड्डे के रूप में इस्तेमाल कर सकता है. हिंद महासागर में चीन की नेवी की मौजूदगी पहले से ही बढ़ रही है. मोंगला जैसे बंदरगाह इसके लिए एक और ठिकाना बन सकते हैं. यह भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए सीधा खतरा होगा. बांग्लादेश का बीजिंग की ओर झुकाव होने से भारत का क्षेत्रीय प्रभाव कमजोर पड़ सकता है.
5. ट्रेड रूट पर कंट्रोल
मोंगला बंदरगाह का आधुनिकीकरण चीन को हिंद महासागर के ट्रेड रूट पर ताकतवर बना देंगे. चूंकि भारत का 80% से अधिक तेल इसी रास्ते से आता है, इसलिए यहां चीन की मौजूदगी हमारे लिए ठीक नहीं होगी.
भारत क्या कर रहा?
भारत ने जवाब देने के लिए कुछ कदम उठाए हैं. 2024 में भारत ने मोंगला बंदरगाह के एक टर्मिनल के संचालन अधिकार हासिल किए, जिसे इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) संभालेगा. इसके अलावा, भारत ने बांग्लादेश में खुलना-मोंगला रेल लाइन जैसी परियोजनाओं में निवेश किया है ताकि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़े. भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और “एक्ट ईस्ट” पॉलिसी के तहत वह बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
March 28, 2025, 20:17 IST