Last Updated:August 19, 2025, 16:23 IST
Emergency sterilization Data: साल 1975 से 77 तक इंदिरा गांधी सरकार ने देश में इमरजेंसी की घोषणा की थी. इस दौरान बड़े पैमाने पर देश में नसबंदी कार्यक्रम को शुरू किया गया था. अभियान में 1.07 करोड़ लोगों की नसबंदी...और पढ़ें

इमरजेंसी के दौरान नसबंदी के आंकड़े: देश में साल 1975 से 77 के बीच इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी. इस दौरान जनसंख्या विस्फोट को कंट्रोल करने के लिए बड़े पैमाने पर जबरन नसबंदी का अभियान चलाया गया था. आप जानते हैं कि संजय गांधी द्वारा लीड किए जा रहे नसबंदी कार्यक्रम के नतीजे क्या रहे थे? यह सवाल हम आज इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि इससे जुड़े कुछ आंकड़े इस वक्त सामने आए हैं, जो सच में डराने वाले हैं. सरकार द्वारा लागू की गई जनसंख्या नियंत्रण नीति के तहत देशभर में 1.07 करोड़ से ज्यादा लोगों की नसबंदी कराई गई थी, जो तय लक्ष्य 67.40 लाख से कहीं जयादा थे. यह जानकारी मंगलवार को लोकसभा में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दी.
राय ने बताया कि ये आंकड़े न्यायमूर्ति जेसी शाह आयोग की रिपोर्ट से लिए गए हैं, जिसे 28 मई 1977 को आपातकाल की अत्याचारों की जांच के लिए गठित किया गया था. आयोग ने पाया कि इमरजेंसी के दौरान 548 अविवाहित लोगों की जबरन नसबंदी की गई और 1774 मौतें नसबंदी से जुड़ी हुई दर्ज की गईं. यह रिपोर्ट 31 अगस्त 1978 को संसद में पेश की गई थी.
दूसरे साल दोगुनी हुई नसबंदी
इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 1975-76 में सरकार ने 24,85,000 नसबंदी का लक्ष्य तय किया था, जबकि 26,24,755 ऑपरेशन किए गए. अगले साल यानी 1976-77 में स्थिति तौ इससे भी ज्यादा खतरनाक थी. लक्ष्य 42,55,500 की तुलना पर आंकड़ा दोगुना यानी 81,32,209 तक पहुंच गया था. कुल मिलाकर 1975-77 में नसबंदी के मामले तय लक्ष्य से 59% अधिक रहे. आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक अनुच्छेद 352 के तहत लागू रहा. उस समय के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने “आंतरिक अशांति” का हवाला देकर अधिसूचना जारी की थी. शाह आयोग ने गवाही, जनसुनवाई और आधिकारिक दस्तावेजों के आधार पर 1978-79 के बीच तीन रिपोर्ट सौंपीं.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
August 19, 2025, 16:23 IST