ऑनलाइन हियरिंग के दौरान वकील साहब ने किया कुछ ऐसा, कोर्ट ने लाग दी क्‍लास

3 weeks ago

Agency:पीटीआई

Last Updated:February 14, 2025, 22:13 IST

Delhi Riots News: दिल्‍ली में साल 2020 में दंगा भड़क गया था. इसमें कुछ लोगों की मौत हुई थी और व्‍यापक पैमाने पर संपत्तियों का नुकसान हुआ था.

ऑनलाइन हियरिंग के दौरान वकील साहब ने किया कुछ ऐसा, कोर्ट ने लाग दी क्‍लास

दिल्‍ली दंगा के आरोपी ताहिर हुसैन के वकील पर कोर्ट भड़क गया.

नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को एक वकील को नॉन-प्रोफेशनल होने के लिए फटकार लगाई है. उन्हें फरवरी 2020 के दंगों के एक मामले में सुनवाई के दौरान मोबाइल फोन से ऑनलाइन पेश होने के दौरान पहले चलते हुए और फिर चलती कार में देखा गया. एडिशनल सेशंस जज ताहिर हुसैन और अन्य के खिलाफ दंगों से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें बचाव पक्ष अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह कर रहा था.

जज ने कहा, ‘मुझे महमूद प्राचा (ताहिर हुसैन के वकील) के इस तरह के आचरण और दलीलों के पीछे किसी प्रकार की प्रोफेशनलिज्‍म नहीं दिखती. यह VC (वीडियो कॉन्फ्रेंस) का एक और स्पष्ट दुरुपयोग है, जिसे रोका जाना चाहिए.’ इससे पहले सुनवाई में वकील सिकंदर एक आरोपी अनस की ओर से पेश हुए और कहा कि मुख्य वकील प्राचा एक अन्य मामले में जिरह करेंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में प्रतिदिन सुनवाई का निर्देश दिया है.

अंतिम अवसर
जज ने आगे कहा कि उन्होंने (सिकंदर को) पहले ही सूचित कर दिया गया था कि सिर्फ़ इसलिए कि उस मामले को प्रतिदिन सुनवाई के आधार पर लेने का निर्देश दिया गया है, इस मामले के लिए वकील की ज़िम्मेदारी समाप्त नहीं होती है. उन्हें बताया गया कि इस तरह का अनुरोध स्वीकार्य नहीं है और उन्हें मुख्य वकील को सूचित करने की सलाह दी गई थी. अदालत ने कहा कि उसने जिरह पूरी होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्राचा की पेशी का इंतजार किया, लेकिन जब प्राचा पेश नहीं हुए तो अदालत ने अनस के एक अन्य वकील मोहम्मद हसन को जुर्माना अदा करने की शर्त पर अगली तारीख पर गवाह से जिरह करने का अंतिम अवसर दिया.

जज का सख्‍त रुख
मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा, ‘इसके बाद प्राचा चलते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए और उसके बाद वह चलती मोटर गाड़ी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होते रहे.’ अदालत ने कहा कि इस तरह की उपस्थिति पर आपत्ति जताए जाने के बाद प्राचा ने आधे घंटे की मोहलत मांगी. हालांकि, अदालत ने जिरह के लिए दिए गए अंतिम अवसर को वापस नहीं लिया और कहा कि अगली तारीख पर प्राचा को बिना किसी अतिरिक्त अनुरोध के बुलावे के समय ही उपस्थित होना होगा और वीसी के माध्यम से उपस्थिति दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार होनी चाहिए. इसने अभियोजन पक्ष के गवाह के लिए ‘डाइट मनी’ के रूप में 2,000 रुपये देने को कहा. यह रकम उस गवाह को दी जाती है, जिसे गवाही के लिए बाहर से बुलाया जाता है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 14, 2025, 22:13 IST

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