Last Updated:March 25, 2025, 14:33 IST
कार्ति चिदंबरम ने चेन्नई कॉर्पोरेशन की कचरा प्रबंधन और सड़कों की खराब स्थिति पर आलोचना की. उन्होंने इंदौर के सफल मॉडल से सीखने का सुझाव दिया.

कार्ति चिदंबरम ने चेन्नई को इंदौर से सीखने की सलाह दी है.
हाइलाइट्स
कार्ति चिदंबरम ने चेन्नई की सफाई व्यवस्था की आलोचना की.उन्होंने इंदौर के सफाई मॉडल से सीखने का सुझाव दिया.चेन्नई में कचरा प्रबंधन और सड़कों की स्थिति पर चिंता जताई.कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने चेन्नई कॉर्पोरेशन पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि चेन्नई में कचरा प्रबंधन की खराब स्थिति, सड़कों पर घूमते कुत्ते और मवेशी, टूटे फुटपाथ और गड्ढों से भरी सड़कें शहर की पहचान बन गई हैं. कार्ति ने सवाल उठाया कि क्या चेन्नई कॉर्पोरेशन पिछले अध्ययन दौरों से कोई एक सीख और उसका क्रियान्वयन बता सकता है? उन्होंने सुझाव दिया कि चेन्नई को पहले इंदौर का दौरा करना चाहिए, जो अपने बेहतरीन कचरा प्रबंधन के लिए जाना जाता है.
यह बयान उस समय आया जब खबरें सामने आईं कि चेन्नई कॉर्पोरेशन के अधिकारी मई में यूरोप के शहरों जैसे बार्सिलोना, का दौरा करने की योजना बना रहे हैं. यह दौरा विश्व बैंक के समर्थन से स्वच्छ कचरा प्रबंधन का अध्ययन करने के लिए प्रस्तावित है. कार्ति ने कहा कि विदेशी दौरों से पहले अपने देश के सफल मॉडल को देखना चाहिए. इंदौर जो स्वच्छ सर्वेक्षण में लगातार भारत का सबसे स्वच्छ शहर रहा है, एक मिसाल है जिसे चेन्नई अपना सकता है.
चेन्नई में कचरे का ढेर, खुले में फैली गंदगी और सड़कों की बदहाल स्थिति लंबे समय से लोगों की शिकायत का कारण रही है. स्थानीय निवासी अक्सर कहते हैं कि कचरा इकट्ठा करने की व्यवस्था ठीक नहीं है. कई जगहों पर कचरे के ढेर सड़कों पर पड़े रहते हैं, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा बढ़ता है. इसके अलावा, सड़कों पर घूमते कुत्ते और मवेशी पैदल चलने वालों के लिए परेशानी बनते हैं. टूटे फुटपाथ और गड्ढों वाली सड़कें भी लोगों को मुश्किल में डालती हैं.
कार्ति का कहना था कि चेन्नई कॉर्पोरेशन ने पहले भी कई अध्ययन दौरे किए, लेकिन उनसे कोई ठोस बदलाव नहीं दिखा. उन्होंने पूछा, “क्या कॉर्पोरेशन एक भी ऐसी चीज बता सकता है जो उन्होंने सीखी और लागू की?” उनका मानना है कि इंदौर का मॉडल चेन्नई के लिए प्रेरणा हो सकता है. इंदौर में हर घर से कचरा इकट्ठा किया जाता है और उसे गीला और सूखा अलग करके प्रोसेस किया जाता है. वहां की सड़कें साफ हैं और कचरे का सही निपटारा होता है.
इस बयान से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. कुछ लोग कार्ति के विचार से सहमत हैं और मानते हैं कि इंदौर से सीख लेना सस्ता और कारगर होगा. एक यूजर ने लिखा, “यूरोप जाने की क्या जरूरत? इंदौर में सब कुछ है जो हमें चाहिए.” वहीं, कुछ का कहना है कि विदेशी तकनीक भी फायदेमंद हो सकती है.
First Published :
March 25, 2025, 14:33 IST