‘ग्वार’, लबनी, ताड़ी और पासी पर अब करेंगे तेजस्वी राज! चिराग उड़ेंगे हवा में?

6 hours ago

Last Updated:April 29, 2025, 14:46 IST

Tejashwi Yadav Pasi Politics: तेजस्वी यादव ने ताड़ी को शराबबंदी कानून से अलग करने का वादा कर पासी समाज में पैठ बनाने की कोशिश की है. चिराग पासवान ने भी समर्थन दिया, लेकिन पासी समाज खुश नहीं है. नीतीश कुमार शराब...और पढ़ें

‘ग्वार’, लबनी, ताड़ी और पासी पर अब करेंगे तेजस्वी राज! चिराग उड़ेंगे हवा में?

बिहार में चिराग पासवान के वोट बैंक पर तेजस्वी की नजर.

हाइलाइट्स

तेजस्वी ने ताड़ी को शराबबंदी से अलग करने का वादा किया.चिराग पासवान ने तेजस्वी के वादे का समर्थन किया.नीतीश कुमार शराबबंदी पर अडिग हैं.

पटना. तेजस्वी यादव ने पासी समाज में पैठ बनाने के लिए ताड़ी को शराबबंदी कानून से अलग करने का वादा कर एक तीर से कई निशाने साधे हैं. तेजस्वी ने चिराग पासवान के कोर वोट बैंक पासी समाज में सेंध लगाने का मास्टर प्लान तैयार कर एनडीए खेमे में खलबली मचा दी है. तेजस्वी ने ग्वार, लबनी, ताड़ी, दूध, मांछ और भात का ऐसा राजनीतिक तड़का लगाया है, जिससे बड़े-बड़े नेताओं के होश उड़ गए हैं. अशोक चौधरी जैसे नेताओं के चेहरे पर हवाइयां उड़ी हैं. तेजस्वी यादव के इस समीकरण के बाद बिहार की सियासत में बवाल मचना तय माना जा रहा है. तेजस्वी ने लबनी और ताड़ी उठाकर जिस तरह से पासी समाज को साधा है, उससे चिराग पासवान बेचैन हो सकते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या पासी समाज चिराग पासवान से छिटक रहा है?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में ताड़ी का एक बड़ा सियासी मुद्दा बनकर उभर रहा है. तेजस्वी यादव ने बीते रविवार को ताड़ी का लवनी जैसे ही अपने कंधे पर उठाया, पासी समाज बोलने लगा है कि अब तेजस्वी ग्वार हो गए हैं. तेजस्वी ने ताड़ी को शराबबंदी कानून से बाहर करने और इसे उद्योग का दर्जा देने का वादा कर एक बड़े वोट बैंक में सेंध लगाने का बड़ा दांव खेला है. हालांकि, तेजस्वी के इस वादे पर चिराग पासवान ने भी समर्थन दिया. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी कानून पर अडिग हैं. एनडीए में होने के कारण चिराग के लिए आगे कुआं और पीछे खाई वाली हालत हो गई है.

ताड़ी, पासी और ग्वार के सहारे बनेंगे तेजस्वी सीएम?
नीतीश जहां पूर्ण शराबबंदी लागू कर महिला वोटबैंक को साधने की कवायद में लगे हैं, वहीं तेजस्वी की ताड़ी पॉलिटिक्स से चिराग डर गए हैं. वोट बैंक छिटकने का डर चिराग को अब शराबबंदी पर बोलने के लिए मजबूर कर रहा है. तेजस्वी जहां दलित और ईबीसी (EBC) वोटबैंक पर टकटकी नजर से देख रहे हैं. बता दें कि ताड़ी व्यवसाय मुख्य रूप से पासी समुदाय जो अति पिछड़ा वर्ग से जुड़ा है, उसका आय का मुख्य श्रोत है. बिहार में पासी समुदाय की आबादी लगभग 2% है और EBC का बड़ा हिस्सा भी ताड़ी से आजीविका कमाता है.

चिराग पासवान की पॉलिटिक्स का क्या होगा?
तेजस्वी ने नीतीश के शराबबंदी कानून को विफल करार देते हुए दावा किया है कि इससे 12.79 लाख लोग, जिनमें 99% दलित और EBC हैं, जेल गए हैं. साथ ही जहरीली शराब से अब तक 2000 मौतों का जिक्र करना भी वह नहीं भूलते. तेजस्वी अपने पिता लालू प्रसाद यादव के 30 साल पुराने फॉर्मूले को दोहरा रहे हैं, जिन्होंने ताड़ी पर टैक्स माफ किया था. ऐसे में चिराग पासवान का तेजस्वी के ताड़ी बयान का समर्थन करना कई सवाल उठाता है. क्या यह तेजस्वी की रणनीति से डर का नतीजा है, या चिराग की अपनी सियासी रणनीति का हिस्सा है?

चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी का मुख्य आधार पासी समुदाय है, जो ताड़ी व्यवसाय से जुड़ा है. तेजस्वी की ताड़ी पॉलिटिक्स इस वोटबैंक में सेंध लगा सकती है. चिराग का तेजस्वी का समर्थन करना इस समुदाय को यह संदेश देने की कोशिश है कि उनकी आजीविका की चिंता एलजेपी को भी है. इसलिए चिराग पासवान अब नीतीश पर निशाना बना रहे हैं. ताड़ी मुद्दे पर नीतीश की शराबबंदी नीति की आलोचना कर चिराग न केवल अपने वोटबैंक को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि नीतीश की सुशासन छवि को भी चुनौती दे रहे हैं. लेकिन, क्या जनता चिराग पासवान के तर्क को समझेगी या उनको इस बार के बिहार चुनाव में ‘हवा’ में उड़ा देगी?

Location :

Patna,Patna,Bihar

First Published :

April 29, 2025, 14:46 IST

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