Agency:एजेंसियां
Last Updated:July 10, 2025, 10:18 IST
Earthquake News: भूकंप ऐसी प्राकृतिक आपदा है, जिसका पूर्वानुमान लगा पाना काफी मुश्किल है. अभी तक ऐसी कोई मुकम्मल तकनीक नहीं डेवलप की जा सकी है, जिससे भूकंप का सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सके, लेकिन कुछ सवधानियां...और पढ़ें

भूकंप आने से पहले और उसके बाद कुछ सावधानी बरतनी जरूरी होती है.
हाइलाइट्स
देश के कई हिस्से भूकंप के लिहाज से जोखिम वाले क्षेत्र में आते हैंअर्थक्वेक की नजर से देखें तो दिल्ली-एनसीआर भी खतरनाक जोन में हैपूर्वानुमान मुश्किल, सावधानी से जोखिम को कम किया जा सकता हैEarthquake News: दिल्ली-NCR में गुरुवार 10 जुलाई 2020 को अचानक धरती डोलने लगी. राजधानी दिल्ली समेत नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद जैसे शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की मानें तो रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई. भूकंप का केंद्र हरियाणा का झज्जर था. भूकंप के झटके महसूस होने की वजह से लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए.
अब सवाल उठता है कि यदि भूकंप आए हों या झटका महसूस किया गया हो तो उस आपातकालीन स्थिति में क्या करें और क्या न करें, इसका ख्याल रखना जरूरी है. NDMA की तरफ से इसको लेकर कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं -:
भूकंप आने से पहले क्या करें
– छत और नींव के पलास्तर में पड़ी दरारों की मरम्मत कराएं. यदि कोई संरचनात्मक कमी का संकेत हो तो विषेशज्ञ की सलाह लें.
– सीलिंग में ऊपरी (ओवरहेड) लाइटिंग फिक्सचर्स (झूमर आदि) को सही तरह से टांगें.
– भवन निर्माण मानकों हेतु पक्के इलाके में प्रासंगिक बीआईएस संहिताओं का पालन करें.
– नीचे के षेल्फों में बड़ी अथवा भारी वस्तुओं को रखें.
– सांकल/चिटकनी वाली लकड़ी की निचली बंद कैबिनेटों में भंगुर (ब्रेकेबल) मदें जैसे बोतलबंद खाद्य सामग्री, गिलास तथा चीनी मिट्टी के बर्तन को रखें.
– भारी चीजों जैसे तस्वीर तथा षीषे आदि को, बिस्तर, सेटीज (सोफा, बेंच या कोच) तथा जहां भी लोग बैठते हैं, से दूर रखें.
– फैन फिक्चर्स तथा ओवरहेड लाइट को नट-बोल्ट की मदद से अच्छी तरह फिट कराएं.
– खराब या दोशपूर्ण बिजली की तारों तथा लीक करने वाले गैस कनेक्षनों की मरम्मत कराएं जिनसे आग लगने के जोखिम की संभावना होती है.
– पानी गर्म करने का हीटर, एलपीजी सिलेंडर आदि को दीवार के साथ अच्छी तरह कसवाएं बंधवाएं अथवा फर्श पर बोल्ट कसवा के उन्हें सुरक्षित बनाएं.
– वीड किलर्स, कीटनाषक और ज्वलनषील पदार्थों को सांकल वाले कैबिनेटों में तथा नीचे के षेल्फों में सावधानी से रखें.
– घर के अंदर तथा बाहर सुरक्षित स्थानों को तलाश कर रखें.
– मजबूत खाने की मेज, बिस्तर के नीचे.
– किसी भीतरी दीवार के साथ.
– उस जगह से दूर जाना जहां खिड़की, शीशे, तस्वीरों से कांच गिरकर टूट सकता हो अथवा जहां किताबों के भारी शेल्फ अथवा भारी फर्नीचर नीचे गिर सकता हो.
– खुले क्षेत्र में बिल्डिंग, पेड़ों, टेलीफोन, बिजली की लाइनों, फ्लाईओवरों तथा पुलों से दूर रहें.
– आपातकालीन टेलीफोन नंबरों को याद रखें (जैसे डॉक्टरों, अस्पतालों, तथा पुलिस आदि के टेलीफोन नंबर).
– स्वयं तथा परिवार के सदस्यों को भूकंप के बारे में जानकारी दें.
यदि आप घर के अंदर हों
– आप यदि घर के अंदर हों तो जमीन पर झुक जाए, किसी मजबूत मेज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें अथवा तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं. यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं.
– किसी आंतरिक दरवाजे के लिन्टॅल (लेंटर), किसी कमरे के कोने में, किसी मेज अथवा यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रुककर अपने आपको बचाएं.
– खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें अथवा ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर), से दूर रहें.
– भूकंप के आने पर यदि आप उस समय पलंग पर हों तो पलंग पर ही रहें. अपने सिर पर किसी तकिए को ढककर बचाएं.
– शरण लेने के लिए तभी ऐसे किसी दरवाजे से निकलकर बाहर जाएं जब वह आपके निकट हो और आप जानते हों कि ये किसी सशक्त सहारे (सपोर्ट) वाला है या यह मजबूत और वजन को झेल सकने वाला दरवाजा है.
– जब तक भूकंप के झटके न रुके तथा बाहर जाना सुरक्षित न हो तब तक अंदर रुके रहें. रिसर्च से यह पता चला है कि ज्यादातर चोटें तब लगती है जब भवन के अंदर मौजूद लोग किसी दूसरी जगह अथवा बाहर जाने का प्रयास करते हैं.
– ध्यान रखें कि बिजली कभी भी जा सकती है अथवा स्प्रिंकलर सिस्टम अथवा चेतावनी वाले फायर अलार्म कभी भी चालू हो/बज हो सकते हैं.
यदि आप घर के बाहर हों
– यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें. बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें.
– यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं. सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है. भूकंप से संबंधित अधिकांश दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं.
यदि किसी चलते वाहन में हों
– जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें तथा गाड़ी में रुके रहें. बिल्डिंग, पेड़ों, ओवरपास, बिजली/टेलीफोन आदि की तारों के पास अथवा नीचे रुकने से बचें.
– सावधानी से भूकंप के रुकने के बाद आगे बढ़ें अथवा सड़कों, पुलों, रैम्प से बचें जो भूकंप द्वारा क्षतिग्रस्त हुए हो सकते हैं।
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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