Last Updated:February 06, 2025, 07:55 IST
Indian immigrant deported by US: डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे भारतीयों की घर वापसी शुरू हो गई है. लवप्रीत कौर और उनके बेटे 1.05 करोड़ रुपये खर्च कर अमेरिका पहुंचे थे. मगर एक महीने बाद ही...और पढ़ें

अमेरिकी सपने का डंकी सफर...एक महीने में ही टूटा, मां-बेटे वापस भारत लौटे. (सांकेतिक तस्वीर)
हाइलाइट्स
104 भारतीयों की अमेरिका से घर वापसी शुरू हुई.लवप्रीत कौर और बेटे को 1.05 करोड़ खर्च कर लौटना पड़ा.अवैध प्रवासियों की वापसी में हरियाणा, पंजाब, गुजरात के लोग शामिल.जालंधर: बहुत से लोगों का अमेरिका ड्रीम अब ड्रीम ही रह गया. डंकी रूट से अमेरिका पहुंचने वालों के लिए डोनाल्ड ट्रंप की वापसी बुरे सपने की तरह है. डंकी मारकर अमेरिका पहुंचने वाले भारतीयों की अब घर वापसी शुरू हो गई है. अमेरिका ने अपने सैन्य विमान से बुधवार को 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को भेज दिया. इनमें ज्यादातर हरियाणा, पंजाब और गुजरात के थे. इनमें से कोई अपनी जमीन बेचकर अमेरिका गया था कोई कर्ज लेकर. मगर अब उनका अमेरिका वाला सपना चकनाचूर हो गया. आज डंकी रूट से अमेरिका गए एक मां-बेटे की कहानी जानते हैं. लाख नहीं, बल्कि करोड़ रुपए खर्च करके एक मां अपने बेटे को साथ लेकर अमेरिका पहुंची थी. मकसद था पति से मिलना. मगर एक महीने में ही खेल बदल गया. मां-बेटे वापस भारत आ चुके हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, अमेरिका में अपने पति से मिलने का सपना लिए 2 जनवरी को लवप्रीत कौर अपने 10 साल के बेटे के साथ पंजाब के कपूरथला जिले से रवाना हुई थी. मगर 1 फरवरी को ही उन्हें सैन्य विमान से वापस भारत भेज दिया गया. अमेरिका से जो अवैध प्रवासी भारतीयों की पहली खेप आई है, उसमें लवप्रीत कौर और उनका बेटा भी शामिल था. लवप्रीत कौर की उम्र 30 साल है. वह अपने पति से मिलने ही अमेरिका गई थीं. उन्होंने इसके लिए एक करोड़ से अधिक रुपए खर्च किए थे. मगर उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. उनका सपना चकनाचूर हो गया. पति से बगैर मिले उन्हें मजबूरन भारत वापस कर दिया गया.
लवप्रीत ने कितने पैसे लगाए
दरअसल, लवप्रीत कौर की डंकी सफर की शुरुआत पंजाब से हुई. उन्हें चार महाद्वीपों से होकर गुजरना पड़ा. इस डंकी रूट की कीमत उन्हें और उनके परिवार को 1.05 करोड़ रुपये चुकाकर चुकानी पड़ी. लवप्रीत अमेरिका की दहलीज पर खड़ी ही थीं कि पासा पलट गया. उनके डंकी रूट का सफर मेक्सिको बॉर्डर खत्म हो गया. उन्हें वहां हिरासत में ले लिया गया. वे दोनों बुधवार को अमेरिकी सैन्य विमान से अमृतसर वापस भेजे गए 104 भारतीय शामिल थे. गांव के सरपंच निशान सिंह की मानें तो ये दोनों 2 जनवरी को पहले दुबई पहुंचे थे.दुबई से वे मास्को के लिए उड़ान भरे और फिर लैटिन अमेरिकी देशों में दाखिल हुए.
जमीन गिरवी रख गई अमेरिका
लवप्रीत अपने बेटे संग होंडुरास, ग्वाटेमाला होते हुए मेक्सिको के रास्ते अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहे थी, तब वह पकड़ ली गईं. दरअसल, यह लवप्रीत की इकलौती कहानी नहीं है. लवप्रीत और उनके परिवार की कहानी पंजाब के उन सैकड़ों परिवारों की कहानी से मिलती-जुलती है, जिन्होंने अमेरिकी सपने को पूरा करने के लिए अपनी जमीन तक गिरवी रख दी. लवप्रीत के परिवार के पास छह एकड़ खेती करने योग्य जमीन है, जिसे इस सफर के लिए गिरवी रख दिया गया था. कुछ पैसे अमेरिका में रह रहे उनके पति ने भेजे थे, बाकी रकम कर्ज लेकर जुटाई गई थी.
पति से मिलने को खतरनाक सफर
खबर के मुताबिक, लवप्रीत के पति सालों से अमेरिका में थे. उन्होंने अपने पति से मिलने के लिए डुंकी रूट चुना. डंकी रूट कई देशों से होकर गुजरने वाला एक खतरनाक रास्ता है. मानव तस्करी करने वाले गिरोह इन खतरनाक सफर पर लोगों को भेजते हैं और इसके बदले मोटी रकम वसूल करते हैं.
क्या है डंकी रूट
डंकी रूट का सफर बेहद खतरनाक और जोखिम भरा होता है. डंकी रूट सफर आमतौर पर दुबई या शारजाह जैसे पश्चिम एशियाई एयरपोर्ट से शुरू होता है. यहां से लोगों को अजरबैजान या तुर्की जैसे देशों से होकर गुजारा जाता है. इसके बाद वे अटलांटिक पार करके पनामा जैसे देश में पहुंचते हैं और आखिरकार अल सल्वाडोर होते हुए मेक्सिको पहुंचते हैं.सबसे खतरनाक सफर अटलांटिक पार करने के बाद शुरू होता है. यहां स्थानीय एजेंट गुप्त रूप से टैक्सियों से ग्वाटेमाला से मेक्सिको तक का सफर तय कराते हैं. 500-600 किलोमीटर लंबा यह सफर 12-15 घंटे में पूरा होता है और इस दौरान कई चौकियों को पार करना पड़ता है.
कैसे पहुंचते हैं अमेरिका
प्रवासी हजारों किलोमीटर का सफर तय करके तिजुआना या मेक्सिकैली जैसे सीमावर्ती शहरों तक पहुंचते हैं और वहां से अमेरिका में घुसने के मौके की तलाश में रहते हैं.मैक्सिको सीमा पर ही लवप्रीत और उनके बेटे को पकड़ा गया. यहां ध्यान देने वाली बात है कि यह पहली बार है, जब अमेरिकी सैन्य विमान का इस्तेमाल लोगों को वापस भारत भेजने के लिए किया गया. इसके लिए प्रति व्यक्ति अनुमानित लागत 4,675 डॉलर आई है. अभी 104 लोग ही भारत आए हैं. अभी और के आने की संभावना है.
First Published :
February 06, 2025, 07:55 IST