Last Updated:August 19, 2025, 16:06 IST
Tejaswi Yadav News: तेजस्वी यादव ने अपने राजनीतिक जीवन में कई बार ऐसा अंदाज अपनाया है जो उनके पिता लालू यादव की सियासी शैली की याद दिलाता है. सासाराम में हाल ही में दिया गया उनका 'खैनी-चूना' तंज इसका ताजा उदाहर...और पढ़ें

पटना. सासाराम में तेजस्वी यादव ने ‘खैनी-चूना’ तंज से मोदी सरकार पर हमला बोला जो लालू यादव की सियासी शैली की याद दिलाता है. कई बार ऐसा लगता है कि तेजस्वी यादव अपनी अलग छवि बनाना चाहते थे, लेकिन बीते दस वर्षों के अपने राजनीतिक जीवन उन्होंने कई बार ऐसा अंदाज अपनाया जो बताता है कि वह जनता के बीच पिता लालू यादव के देसी अंदाज में प्रस्तुत होना चाहते हैं. दरअसल, तेजस्वी यादव ने अपने राजनीतिक जीवन में कई बार ऐसे बयान दिए हैं जो लालू यादव की शैली की याद दिलाते हैं.
तेजस्वी यादव के इन बयानों में जहां एक तरफ जनता के बीच जुड़ने की कोशिश दिखती है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष पर हमला करने की उनकी शैली भी नजर आती है. आइए कुछ ऐसे ही बयानों पर नजर डालते हैं जो तेजस्वी यादव के लालू यादव के अंदाज को बताते हैं.
लालू के अंदाज में तेजस्वी यादव के बयान
2017: नोटबंदी पर तंज – “नोटबंदी से काला धन नहीं, गरीबों का खून निकला”
विधानसभा में नोटबंदी की आलोचना करते हुए तेजस्वी ने कहा कि यह नीति गरीबों के खिलाफ थी. उनके इस बयान में लालू जैसी सादगी और तीखापन था, जो आम जनता से सीधे जुड़ा.
2018: नीतीश सरकार पर हमला – “शराबबंदी के नाम पर बिहार में ड्रामाबंदी हो रही है”
बिहार में शराबबंदी के मुद्दे पर तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार केवल दिखावे में लगी है. यह बयान लालू की तरह हास्य और व्यंग्य से भरा था.
2019: बेरोजगारी रैली में – “नौजवानों को नौकरी चाहिए, न कि जुमलों की खैरात”
दिल्ली में बेरोजगारी के खिलाफ रैली में तेजस्वी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उनका यह देसी अंदाज लालू की जनवादी शैली को बताता है.
2019: लोकसभा चुनाव में BJP पर हमला – “चौकीदार चोर है, और चायवाला अब ठगवाला”
चुनावी सभा में तेजस्वी ने PM मोदी पर निशाना साधते हुए लालू की तरह हास्य और तंज का इस्तेमाल किया. यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ.
2020: बिहार विधानसभा चुनाव – “हम बिहारी हैं, डरने वाले नहीं, ललकारने वाले हैं”
चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार और BJP पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने बिहारी अस्मिता को जोड़ा, जो लालू की जनवादी शैली की झलक थी.
2021: पेगासस जासूसी कांड पर – “फोन टैप करवाएंगे, लेकिन बिहार का दिल नहीं जीत पाएंगे”
पेगासस विवाद के दौरान तेजस्वी ने केंद्र सरकार पर तंज कसा, जो लालू की तरह जनता से सीधे संवाद की शैली थी.
2021: बेरोजगारी पर तंज – “नीतीश बाबू, बेरोजगारों को नौकरी दो, नहीं तो कुर्सी छोड़ो”
बिहार में बेरोजगारी के मुद्दे पर तेजस्वी ने नीतीश सरकार को घेरा. उनका यह देसी अंदाज लालू की तरह जनता को रास आया.
2022: गठबंधन टूटने पर – “जो धोखा देगा, बिहार की जनता उसे रोका देगी”
JDU-RJD गठबंधन टूटने पर तेजस्वी ने नीतीश पर तंज कसते हुए लालू की तरह भावनात्मक और आक्रामक शैली अपनाई.
2023: जातिगत जनगणना पर – “जाति गिनो, हक दिलाओ, नहीं तो सत्ता छीन लेंगे”
जातिगत जनगणना की मांग को लेकर तेजस्वी ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी. उनका यह बयान लालू की सामाजिक न्याय की लड़ाई की बात याद दिलाता है.
2023: महागठबंधन की रैली में – “बिहार में अब जंगलराज नहीं, जनता का राज आएगा”
पटना में एक रैली के दौरान तेजस्वी ने BJP के जंगलराज वाले नैरेटिव को पलटते हुए लालू की तरह आक्रामक और आत्मविश्वास भरा बयान दिया.
2024: बिहार में बाढ़ पर – “सरकार सो रही है, बिहार डूब रहा है, अब जनता जगा देगी”
बिहार में बाढ़ के दौरान नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने लालू की तरह सरकार को जनता के सामने ललकारा.
2024: बिहार में शिक्षा पर – “स्कूल में बच्चे भूखे बैठे हैं, और सरकार कुर्सी की भूखी है”
बिहार में मिड-डे मील और शिक्षा व्यवस्था की बदहाली पर तेजस्वी ने नीतीश सरकार को घेरा. उनका यह बयान लालू की सामाजिक मुद्दों पर बोलने की शैली को प्रतिबिंबित करता है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
August 19, 2025, 16:06 IST