Last Updated:April 22, 2025, 07:34 IST
Vadodara Hit And Run: वडोदरा पुलिस ने कोर्ट में कहा कि घटना के वक्त रक्षित चौरसिया और उसके दोनों दोस्त ड्रग्स के नशे में थे. पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि कार की स्पीड 140 किमी प्रति घंटे थी.

घटना के वक्त रक्षित चौरसिया ड्रग्स के नशे में था.
हाइलाइट्स
वडोदरा हिट एंड रन केस में एक महिला की जान चली गई थी.रक्षित चौरसिया 17 मार्च से न्यायिक हिरासत में है.रक्षित और उसके दोस्तों के ब्लड सैम्पल में ड्रग्स की पुष्टि हुई है.वडोदरा. गुजरात के वडोदरा में तेज रफ्तार कार से महिला की जान लेने वाले आरोपी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस के अनुसार बीते 12 मार्च को जब रक्षित चौरसिया ने अपने दोस्त की फॉक्सवैगन वर्टस कार को तीन वाहनों से टकरा दिया और एक महिला की जान ले ली. चौरसिया उस रात व्यस्त सड़क पर 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था और उसने कथित तौर पर ड्रग्स भी ले रखी थी. 23 साल का रक्षित चौरसिया एमएस यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई कर रहा है.
चौरसिया तेज रफ्तार फॉक्सवैगन चला रहे थे, जिसने कई दोपहिया वाहनों से टकराकर हेमाली पटेल की जान ले ली और सात अन्य को घायल कर दिया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में चौरसिया को दुर्घटना के बाद कार से बाहर निकलते हुए और नशे की हालत में “एक और राउंड, एक और राउंड!” चिल्लाते हुए देखा गया था. हालांकि चौरसिया ने दावा किया कि वह नशे में नहीं था, पुलिस ने पहले कहा था कि गांधीनगर की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की शुरुआती रिपोर्ट में उनके खून के नमूने में मारिजुआना पाया गया. कार में मौजूद उसके दोस्तों का भी ड्रग्स टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आया है.
वडोदरा शहर की पुलिस ने 21 अप्रैल को चौरसिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अदालत में घटना से जुड़ी नई जानकारी पेश की. चौरसिया 17 मार्च से न्यायिक हिरासत में है. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीलीबाग पुलिस स्टेशन द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि फॉक्सवैगन की इवेंट डेटा रिकॉर्डर (ईडीआर) रिपोर्ट ने पुष्टि की कि दुर्घटना के समय कार 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जा रही थी.
‘दुर्घटना से पहले आरोपी ने किया था गांजे का सेवन’
हलफनामे में लिखा गया, “घटना के समय आरोपी के कब्जे में रही कार के डेटा को हासिल करने के लिए, कार को फॉक्सवैगन कंपनी के शोरूम भेजा गया और जर्मनी (कार बनाने वाली कंपनी का हेडक्वॉर्टर) में विश्लेषण के बाद एक रिपोर्ट प्राप्त हुई. रिपोर्ट में कहा गया कि दुर्घटना के समय कार की गति 140 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जो कार के इवेंट डेटा रिकॉर्डर (ईडीआर) से प्राप्त विवरण के अनुसार है.”
डॉक्यूमेंट में यह भी कहा गया कि चौरसिया और दो सह-आरोपी प्रांशु चौहान और सुरेश भरवाड़ के रक्त के नमूने एकत्र किए गए और गांधीनगर की एक फोरेंसिक लैब में भेजे गए, जिसने पुष्टि की कि रक्त में टेट्रा-हाइड्रो कैनाबिनोल (टीएचसी) और कोडीन की उपस्थिति थी और इससे यह कन्फर्म हो गया कि दुर्घटना के समय आरोपी नशे में थे.
पुलिस ने कोर्ट में क्या कहा?
तीनों को नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट से जुड़े एक अलग मामले में बुक किया गया था. पुलिस ने कहा कि चौरसिया, जो कि कानून का छात्र है और कानूनी प्रक्रिया से अच्छी तरह वाकिफ हैं, न केवल “मुकदमे में बाधा डालेगा” बल्कि अगर उन्हें जमानत दी गई तो “गवाहों को डराने और सबूत नष्ट करने का खतरा” भी पैदा करेगा. “एक और राउंड” वीडियो का हवाला देते हुए, पुलिस ने कहा कि चौरसिया का व्यवहार खुशी का था, “जैसे उन्होंने कोई उपलब्धि हासिल की हो”, बजाय इसके कि वे पछतावा दिखाते या पीड़ितों से संपर्क करते. उन्होंने यह भी बताया कि चौरसिया, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निवासी हैं, अदालत की सुनवाई से अनुपस्थित रहेंगे.
Location :
Vadodara,Gujarat
First Published :
April 22, 2025, 07:26 IST