भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकाने तबाह किए तो झूठ की फैक्ट्री चलाने वाले पड़ोसी देश से न्यूक्लियर लीकेज की अफवाह फैला दी गई. सोशल मीडिया पर ग्राफिक्स, अमेरिका तो कहीं मिस्र से प्लेन उतरने की कहानी गढ़ी गई. IAEA ( Atomic Energy Agency) के साफ तौर लीकेज से इनकार करने के बाद चर्चा बंद हो गई. अब भारत के एक पड़ोसी देश को अमेरिका ने परमाणु खतरे का पता लगाने के लिए स्पेशल डिवाइस दी है.
उस डिवाइस की एक तस्वीर भी सामने आई है. अमेरिकी दूतावास ने श्रीलंका की नौसेना को 1 मिलियन डॉलर मूल्य की आधुनिक रेडिएशन और केमिकल का पता लगाने वाला उपकरण सौंपा है. इससे द्वीपीय देश अपने समुद्री क्षेत्र में न्यूक्लियर, रेडियोलॉजिकल और रासायनिक खतरों का आसानी से पता लगा सकेगा.
श्रीलंका नौसेना मुख्यालय में एक समारोह के दौरान इस एडवांस्ड डिवाइस को आधिकारिक रूप से सौंपा गया. यह उपकरण श्रीलंका नौसेना की हिंद महासागर में यात्रा, खोज और जब्ती की क्षमता में बढ़ोतरी करेगा. इससे श्रीलंका की नौसेना खतरनाक रासायनिक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु सामग्रियों का पता लगा सकेगी. इससे देश के बंदरगाहों और समुद्री मार्गों की सुरक्षा संभव होगी.
श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत जूली चुंग ने कहा कि यह उपकरण देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि हम न सिर्फ नौसेना की क्षमता बढ़ाकर श्रीलंका की सुरक्षा को मजबूत कर रहे हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों की सुरक्षा भी कर रहे हैं. इसका मकसद साफ है कि अमेरिका चाहता है कि हानिकारक सामग्री अमेरिका और दूसरे देशों के तटों तक न पहुंचे.