Last Updated:February 20, 2025, 12:27 IST
प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को प्रेसीडेंट बनने के एक महीने के अंदर भारत को पांच बड़े झटका दिए हैं. जिसका देश पर बहुत असर पड़ सकता है.
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हाइलाइट्स
नहीं चाहते मस्क भारत में ईवी कार फैक्ट्री खोलेंअपमानजनक तरीके से अवैध भारतीय प्रवासियों को भेज रहे100% टैरिफ की धमकी, अमेरिकी सहायता में कटौतीजब डोनाल्ड ट्रंप पिछले साल अमेरिकी प्रेसीडेंट चुनावों में कैंपेनिंग कर रहे थे, तब भारत के लोगों को उम्मीद थी कि वह तो दोस्त के तौर पर कई ऐसे कदम उठाएंगे, जिससे भारत को फायदा होगा. उन्होंने एक महीने के भीतर ही पांच इतने बड़े झटके दिए हैं, जिससे भारत हर तरह से प्रभावित हुआ है. इसमें हमारी सबसे महत्वाकांक्षी तेजस परियोजना भी है, जिसके लिए इंजन देने पर अमेरिका ने रोक लगा दी हैं. व्यापार को वह अलग झटका देने वाले हैं, जिससे भारत का मेन्युफैक्चरिंग सेक्टर बुरी तरह प्रभावित होगा.
सबसे खराब बात ये है कि भारत जैसे देश के अवैध प्रवासियों को उनके राज में बहुत बुरा सलूक करते हुए और अपमानित करने के अंदाज में वापस भारत लौटाया जा रहा है. जो खबरें आ रही हैं वो ये बता रही हैं कि प्रवासियों को हाथ-पैरों में हथकड़ी लगाकर सैन्य विमानों में बिठाकर भारत भेजा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन तो है ही. ये सवाल भी खड़ा करता है.
आइए जानते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के खिलाफ कौन से ऐसे कदम उठाए हैं, जो हमें बुरी तरह प्रभावित करेंगे और बड़ा झटका हैं.
1. नहीं चाहते कि एलन मस्क भारत में बैटरी वाली कारें बनाएं
एलन मस्क की कंपनी टेस्ला भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की मौजूदगी बढ़ाने के लिए जुटी ही थी कि डोनाल्ड ट्रंप ने उस पर ब्रेक लगा दिया है. उन्होंने मस्क के भारत में ईवी बनाने की कोशिशों की गाड़ी को पटरी पर आने से पहले ही पटरी से उतार दिया है. उन्होंने कहा है कि ये अनुचित होगा, अगर मस्क भारत में टेस्ला का प्रोजेक्ट लगाए.
हाल ही में, टेस्ला ने मुंबई और दिल्ली में 13 पदों के लिए नौकरी के अवसरों की घोषणा की है. साथ ही टेस्ला ने महाराष्ट्र में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार, कंपनी ने पुणे के पास चाकन और चिखली क्षेत्रों में संभावित साइट्स की पहचान की है, जहां पहले से ही मर्सिडीज-बेंज, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, वोक्सवैगन और बजाज ऑटो जैसी प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों के प्लांट हैं.
इन कोशिशों को तब तगड़ा झटका लगा जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेस्ला की भारत में फैक्ट्री स्थापित करने की योजना को “अमेरिका के लिए बहुत अनुचित” बताया, क्योंकि उनका मानना है कि इससे अमेरिकी निवेश और नौकरियां विदेश में स्थानांतरित हो सकती हैं.
2. भारतीय उत्पादों पर मोटा टैरिफ
ट्रंप का मानना है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर उच्च आयात शुल्क लगाता है, उन्होंने दुनिया के तमाम देशों पर मोटा टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें भारत भी शामिल है. चूंकि भारत अमेरिका का बड़ा व्यापारिक पार्टनर है, लिहाजा भारतीय उद्योगों पर इसका काफी असर पड़ने की आशंका है. जिससे निर्यात प्रभावित होगा. देश के विकास को झटका लगेगा.
ट्रंप ने भारत सहित BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है. यह कदम व्यापार संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है. भारत की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
ट्रंप ने भारत से अमेरिकी रक्षा उपकरणों की अधिक खरीद और अमेरिकी तकनीक को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है, जिससे भारत पर व्यापार संतुलन को सुधारने का दबाव बढ़ गया है.
3. अमेरिकी सहायता में कटौती
ट्रंप प्रशासन ने विदेशी सहायता और फंडिंग में कटौती करने का निर्णय लिया है, जिससे भारत में स्वास्थ्य सेवाओं और कृषि विकास परियोजनाओं पर असर पड़ सकता है. कई ऐसे योजनाएं खतरे में पड़ जाएंगी, जो अमेरिकी अनुदान पर चलती थीं या चलने वाली थीं. इसमें भारत का एजुकेशन और रिसर्च सेक्टर भी प्रभावित होगा.
4. भारतीय नागरिकों की अपमानजनक वापसी
ट्रंप प्रशासन ने 200 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को अवैध अप्रवास के कारण सैन्य जहाज के जरिए वापस भारत भेजा है. उन्हें हाथ और पैरों में हथकड़ियां लगाकर भेजा रहा है. सिखों का आरोप है कि उनकी पगड़ियां भी उतरवा दी जा रही हैं. करीब 35 घंटे की उड़ान में उन्हें ना तो तरीके से बिठाया जा रहा है और ना ही खाना-पीना दिया जा रहा है. उसमें बहुत बीमारों को भी उसी हाल में भारत लाया जा रहा है. ये किसी भी देश के नागरिकों को वापस उसे देने का बहुत अपमानजनक तरीका है.
5. तेजस के इंजनों की आपूर्ति में जानबूझकर देरी
डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में तेजस फाइटर जेट के लिए इंजन की आपूर्ति में देरी हो रही है बल्कि इंजनों को देने में टालमटोल की जा रही है, न शर्तें लादी जा रही हैं, जिससे भारत को रूस से इंजन लेने पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
भारत ने अमेरिका की कंपनी जीई के साथ GE-414 इंजन की डील की थी लेकिन अमेरिकी कंपनी कई महीनों से इंजन की आपूर्ति को टाल रही है. जीई की लगातार देरी की वजह से भारत के फाइटर जेट की प्लानिंग गड़बड़ हो गई है.
जीई ने भारत से इस समझौते के लिए 5 करोड़ डॉलर ज्यादा देने की मांग की है. इन शर्तों और बाधाओं के कारण भारत को रूस से इंजन लेने पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
ट्रंप ने अमेरिकी रक्षा बजट में भारी कटौती का आदेश दिया है, जिससे अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग प्रभावित हो सकता है.
जब पहली प्रेसीडेंट बने थे, तब भी ऐसा ही किया
ट्रंप जब पहली बार प्रेसीडेंट बने थे तब उनके 2017-2021 के कार्यकाल दौरान भी भारत के खिलाफ कई कदम उठाए गए थे.
– ट्रंप प्रशासन ने भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (GSP) से बाहर कर दिया,था जिससे भारत को अमेरिकी बाजार में कई उत्पादों पर मिलने वाली टैक्स छूट समाप्त हो गई थी, इससे भारतीय निर्यातकों को नुकसान हुआ.
-ट्रंप सरकार ने ‘America First’ नीति के तहत H-1B वीजा पॉलिसी में सख्ती की, जिससे हजारों भारतीय आईटी पेशेवरों पर असर पड़ा. वीज़ा नियमों में बदलाव और प्रक्रिया में कड़े मानदंड भारतीय आईटी कंपनियों के लिए चुनौती बने
– ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए और भारत को ईरान से कच्चा तेल आयात बंद करने का दबाव डाला. भारत ईरान से सस्ता तेल खरीदता था, और इस प्रतिबंध से भारत की ऊर्जा सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा.
– हालांकि ट्रंप प्रशासन ने भारत को कुछ अत्याधुनिक रक्षा उपकरण बेचे, लेकिन कई संवेदनशील टेक्नोलॉजी के एक्सपोर्ट पर रोक जारी रही.
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
February 20, 2025, 12:27 IST