'भगवा आतंकवाद नहीं हिंदू आतंकी'...मालेगांव ब्लास्ट पर ये क्या बोल गए पूर्व CM

17 hours ago

Last Updated:August 01, 2025, 11:42 IST

पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने NIA और सरकार पर मालेगांव धमाका केस कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने पूछा- “अगर इन लोगों ने ब्लास्ट नहीं किया, तो किया किसने?”

'भगवा आतंकवाद नहीं  हिंदू आतंकी'...मालेगांव ब्लास्ट पर ये क्या बोल गए पूर्व CMपूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण

हाइलाइट्स

चव्हाण ने NIA पर केस कमजोर करने का आरोप सीधे तौर पर लगाया.कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया.चव्हाण ने सरकार से पूछा—“अगर नहीं किए इन्होंने, तो किए किसने?”

मुंबई: 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में हुए बम धमाके को लेकर कोर्ट का फैसला आया है. इस केस में जिन सात लोगों को आतंकवाद के आरोप में पकड़कर जेल भेजा गया था, उन्हें अब बरी कर दिया गया है. यानी कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ सबूत नहीं हैं और उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

इस फैसले ने राजनीति में हंगामा मचा दिया है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि इस केस को जानबूझकर कमजोर किया गया, ताकि आरोपी छूट सकें. उन्होंने केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं.य

‘सनातनी आतंकी’ जैसे शब्द बोलो- पृथ्वीराज 
उन्होंने कहा कि ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. उनका कहना है कि अगर किसी को पहचानना ही है तो ‘हिंदू आतंकी’ या ‘सनातनी आतंकी’ जैसे शब्द बोलो, लेकिन सबसे जरूरी बात ये है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता.

उन्होंने साफ कहा कि हर बार किसी समुदाय को टारगेट करने से असली दोषी बच जाते हैं. “हमें जाति या धर्म नहीं देखना चाहिए, बल्कि ये देखना चाहिए कि आतंक फैलाने वाला इंसान कौन है.”

धमाका हुआ था, लोग मरे थे… तो फिर जिम्मेदार कौन?
29 सितंबर 2008 को मालेगांव में बम धमाका हुआ था. ये धमाका इतना जोरदार था कि 6 लोगों की जान चली गई और 100 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें आरोपी बनाया गया.

इन लोगों पर आतंक फैलाने, बम रखने और कई संगीन धाराओं के तहत केस चला. ये मुकदमा 17 साल तक चला. लेकिन अब कोर्ट ने कहा है कि इन लोगों के खिलाफ पक्के सबूत नहीं मिले, इसलिए इन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता. चव्हाण ने कहा, “अगर ये लोग दोषी नहीं हैं, तो फिर धमाका किसने किया? क्या सरकार के पास इसका कोई जवाब है?”

जांच एजेंसी NIA पर भी उठे सवाल
इस केस की जांच पहले महाराष्ट्र पुलिस कर रही थी. बाद में इसे एनआईए यानी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंप दिया गया. एनआईए एक केंद्रीय जांच एजेंसी है, जो देशभर में आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच करती है.

पृथ्वीराज चव्हाण का आरोप है कि जब बीजेपी की सरकार आई, तो एनआईए ने इस केस को ढंग से नहीं संभाला. उन्होंने कहा, “एनआईए ने केस को कमजोर कर दिया. कोर्ट में ठीक से सबूत नहीं रखे गए, गवाहों को नहीं बुलाया गया. ऐसा क्यों किया गया? क्या किसी को बचाया जा रहा है?”

पीड़ित परिवारों को क्या मिलेगा इंसाफ?
चव्हाण ने सवाल उठाया कि धमाके में जिन लोगों की जान गई, उनके परिवार वालों को इंसाफ कैसे मिलेगा? उन्होंने कहा, “आपने 17 साल तक केस चलाया, लोगों को जेल में रखा, और अब कह दिया कि सब निर्दोष हैं. तो फिर जिन लोगों की जान गई, उनका कसूरवार कौन है?”

उनका कहना है कि ये कोई पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी कई धमाकों में आरोपी पकड़े जाते हैं और बाद में छूट जाते हैं. लेकिन असली गुनहगार कभी नहीं मिलते.

Location :

Mumbai,Maharashtra

First Published :

August 01, 2025, 11:42 IST

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