Last Updated:March 29, 2025, 10:42 IST
Patna-Ara-Sasaram Corridor Project: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पटना-आरा-सासाराम फोरलेन कॉरिडोर की मंजूरी दी है. 3 हजार 712 करोड़ की लागत से बनने वाला यह कॉरिडोर कनेक्टिविटी और ...और पढ़ें

पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर 3712 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगा.
हाइलाइट्स
पटना-आरा-सासाराम फोरलेन कॉरिडोर को केंद्र की मंजूरी मिली.120 किमी की परियोजना लागत 3 हजार 712 करोड़ रुपये होगी.पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर 7 जिलों की कनेक्टिविटी बढ़ाएगा.नई दिल्ली/पटना/सासाराम. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने प्रदेश को बड़ी सौगात दी है. मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने पटना-आरा-सासाराम फोरलेन कॉरिडोर की मंजूरी दी है. 3 हजार 712 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला पटना-आरा-सासाराम फोरलेन कॉरिडोर बिहार की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा और औद्योगिक, व्यापारिक एवं परिवहन गतिविधियों को गति देगा. यह कॉरिडोर 5 राष्ट्रीय राजमार्गों और 4 राज्य राजमार्गों को जोड़कर बिहार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा और पटना और रोहतास जिले के साथ भोजपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज और पश्चिम चंपारण की किस्मत बदल देने वाला साबित होगा.
. 120.10 किलोमीटर लंबा 4-लेन एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड कॉरिडोर होगा और इस परियोजना को हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) पर विकसित किया जाएगा. इस परियोजना का कितना बड़ा महत्व है इसका पता इस बात से भी चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस निर्णय की जानकारी सोशल मीडिया माध्यम से साझा की और बिहारवासियों को बधाई देते हुए लिखा, 4-लेन ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर को कैबिनेट की मंजूरी बिहार के लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है. इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और यातायात की भीड़ भी कम होगी. पीएम मोदी ने जो बातें कहीं हैं यह बात सत्य साबित होगी क्योंकि इस रूट पर कनेक्टिविटी में ट्रैफिक का काफी दबाव है और लोगों को डेढ़ घंटे की दूरी तय करने में करीब 4 से 5 घंटे लग जाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक्स पोस्ट का स्क्रीनशॉट.
बता दें कि वर्तमान में, सासाराम, आरा और पटना के बीच संपर्क मौजूदा राज्य राजमार्गों यानी स्टेट हाईवे-एसएच-2, एसएच-12, एसएच-81 और एसएच-102 पर निर्भर है और आरा शहर सहित भारी यातायात के कारण यात्रा में 3-5 घंटे तक लग जाते हैं. बढ़ते यातायात को कम करने के लिए, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के साथ-साथ मौजूदा ब्राउनफील्ड राजमार्ग के 10.6 किमी हिस्से को आधुनिक और विकसित किया जाएगा. इससे आरा, ग्राहिणी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम जैसे स्थानों पर घनी आबादी वाले क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा. परियोजना की कुल लागत 3 हजार 712 करोड़ रुपये से अधिक होगी जिसमें 2 हजार 989 करोड़ रुपये निर्माण लागत और 718.97 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए होगी.
पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर का मानचित्र
यह परियोजना राष्ट्रीय उच्च पथ यानी नेशनल हाईवे- एनएच-19, एनएच-319, एनएच-922, एनएच-131जी और एनएच-120 सहित प्रमुख परिवहन गलियारों को एक लिंक से स्थापित करेगी. यह राज्य राजमार्ग -एसएच-2, एसएच-81, एसएच-12, एसएच-102 से भी जुड़ेगा. इससे औरंगाबाद, कैमूर और पटना को बिना बाधा वाली कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. इसके अतिरिक्त यह परियोजना 2 हवाई अड्डों से भी जुड़ेगा. यह पटना में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और आगामी बिहटा हवाई अड्डा से कनेक्टेड रहेगा. वहीं, 4 प्रमुख रेलवे स्टेशनों-सासाराम, आरा, दानापुर, पटना और 1 अंतर्देशीय जल टर्मिनल, जो पटना में है, को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और पटना रिंग रोड तक सीधी पहुंच बढ़ाएगी. इसके बन जाने से माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगी.
पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर के निर्माण पर 3712 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
यह परियोजना पूरी हो जाने पर, पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और लखनऊ, पटना, रांची और वाराणसी के बीच संपर्क में एक तरह से बड़ा परिवर्तन लाएगा. यह परियोजना सरकार के आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप है और इससे रोजगार के भी बहुत अवसर उत्पन्न होंगे और बुनियादी ढांचे में वृद्धि होगी. बिहार में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने के साथ ही इस परियोजना से 48 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे.इसके साथ ही रोहतास जिले में पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इस हाईवे के जरिए लोग आसानी से ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों तक पहुंच सकेंगे और पटना और आसपास के विकासशील क्षेत्रों में विकास, प्रगति और समृद्धि के नए रास्ते खुलेंगे.
First Published :
March 29, 2025, 10:42 IST