वडापाव से गायब हो सकता पाव! कोर्ट के फैसले से पाव की किल्लत, जानिए क्यों?

1 day ago

Agency:Local18

Last Updated:February 20, 2025, 12:22 IST

Mumbai Pav Shortage: मुंबई में पाव की कमी का संकट, उच्च न्यायालय के आदेश से बेकरी व्यवसायियों पर आर्थिक संकट, वैकल्पिक ईंधन पर स्विच करने की चुनौती, सरकार से मदद की मांग, समाधान की प्रतीक्षा.

वडापाव से गायब हो सकता पाव! कोर्ट के फैसले से पाव की किल्लत, जानिए क्यों?

मुंबई में पाव की कमी का संकट

हाइलाइट्स

मुंबई में पाव की कमी का संकट.उच्च न्यायालय के आदेश से बेकरी व्यवसायियों पर आर्थिक संकट.सरकार से वैकल्पिक ईंधन पर स्विच करने के लिए मदद की मांग.

मुंबई: मुंबईकरों के नाश्ते का अहम हिस्सा पाव की उपलब्धता पर बड़ा संकट आ सकता है. मुंबई की कई बेकरी लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधन पर चलती हैं, लेकिन, वायु प्रदूषण रोकने के लिए उच्च न्यायालय (High Court) ने ऐसी भट्टियों को बंद करने का आदेश दिया है. इससे बेकरी व्यवसायियों पर आर्थिक संकट आ सकता है. अगर ये बदलाव तुरंत नहीं किए गए, तो मुंबई में पाव की कमी हो सकती है, ऐसा बेकरी व्यवसायी संगठनों ने चेतावनी दी है.

व्यवसायियों पर आर्थिक संकट
मुंबई की कई पारंपरिक बेकरी लकड़ी और कोयला इस्तेमाल करके चलती हैं.,लेकिन, न्यायालय के फैसले के कारण उन्हें बंद करने का समय आ गया है. इससे बेकरी व्यवसायियों पर आर्थिक संकट आ गया है और वैकल्पिक ईंधन पर स्विच करना उनके लिए बड़ी चुनौती बन गया है. इंडिया बेकर्स एसोसिएशन के अनुसार, “वैकल्पिक ईंधन पर भट्टी बदलने के लिए कम से कम एक महीने के लिए बेकरी बंद रखनी पड़ेगी. साथ ही, बिजली पर चलने वाली भट्टियों का खर्च वहन करना मुश्किल है और गैस आपूर्ति के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं है. परिणामस्वरूप, बेकरी व्यवसाय संकट में है.”

मुंबईकरों को पाव की कमी?
मुंबई में कई लोगों का पेट पाव पर निर्भर है. कई छोटे व्यवसाय, जैसे वडापाव विक्रेता, सैंडविच स्टॉल्स, होटल्स और चाय विक्रेता, को महीने भर पाव की कमी के कारण बड़ा नुकसान हो सकता है. अगर पाव की आपूर्ति कम हो गई, तो इसका असर आम नागरिकों पर भी पड़ेगा.

वैकल्पिक ईंधन का विकल्प व्यवहार्य?
बेकरी व्यवसायियों के अनुसार, गैस या बिजली पर चलने वाली भट्टियों का विकल्प व्यवहार्य (viable) नहीं है. गैस पर चलने वाली भट्टियों के लिए बड़े पैमाने पर सिलिंडर स्टोर करने की जरूरत होगी, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से खतरनाक हो सकता है. साथ ही, पीएनजी गैस लाइन हर गली में उपलब्ध नहीं है, इसलिए यह व्यवस्था तुरंत करना मुश्किल है.

सरकार से मदद की मांग
बेकरी व्यवसायियों ने सरकार से सहयोग की मांग की है और वैकल्पिक ईंधन पर स्विच करने के लिए आर्थिक मदद और अनुदान देने का आग्रह किया है. उच्च न्यायालय ने जुलाई 2025 तक रूपांतरण के लिए समय दिया है, लेकिन तब तक कुछ व्यवसायियों को समाधान मिलना चाहिए, ऐसी मांग की गई है. मुंबई के बेकरी व्यवसाय के लिए यह एक बड़ी चुनौती हो सकती है. सरकार, प्रशासन और न्यायालय के बीच समन्वय से ही शहर में पाव की आपूर्ति सुचारू रह सकती है.

मुंबईकरों को राहत मिलेगी?
आने वाले कुछ महीनों में प्रशासन और बेकरी व्यवसायियों के बीच सही समन्वय हुआ, तो ही यह समस्या सुलझ सकती है. आधुनिक तकनीक, सरकारी मदद और व्यवसायियों की तैयारी एक साथ आई, तो मुंबईकरों को पाव की कमी महसूस नहीं होगी. अब इस संकट का समाधान निकलता है या नहीं, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.

Location :

Mumbai,Maharashtra

First Published :

February 20, 2025, 12:22 IST

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