Last Updated:February 20, 2025, 16:00 IST
Delhi CM Rekha Gupta- दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर रेखा गुप्ता ने आज कमान संभाल ली है. उनके पति बिजनेसमैन है और इंश्योरेंस का काम करते हैं. जब वो काउंसलर थीं, तब पति के साथ ऐसा काम भी करती थीं, जिसे जा...और पढ़ें
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जमीनी रूप में हमेशा जुड़ी रहीं.
नई दिल्ली. दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर रेखा गुप्ता ने आज कमान संभाल ली है. दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की वापसी हुई है. इससे पार्टी गदगद है. रेखा गुप्ता के पति बिजनेसमैन है और इंश्योरेंस का काम करते हैं. शालीमारबाग में रहने वाली रेखा गुप्ता आज राजनीतिक और समाजिक कार्यक्रमों में अधिक व्यस्त हो चुकी हैं, इसलिए पति के काम में हाथ बंटाने के लिए समय नहीं मिलता है लेकिन पहले वो पति के साथ ऐसा काम करती थीं, जिसे सुनकर आप भी मान जाएंगे कि वो जमीन से कितनी जुड़ी हैं. आइए जानें-
रेखा गुप्ता को आज मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में उनके पति का हाथ हैं. बताते हैं कि चुनाव के दौरान उनके पति मनीष गुप्ता सुबह चार बजे लेकर रात एक दो बजे तक चुनाव कार्यक्रम और प्लानिंग में व्यस्त रहते थे. पूरे दिन का उनका शेड्यूल और चुनाव कार्यक्रम पार्टी के अनुसार तय करना उनका ही काम था.
ऐसे जुड़ी हैं जमीन से
उनकी सादगी और जमीनी रूप में जुड़े होने की वजह से लोग उनके प्रसंशक हैं. बताया जाता है कि जब वे काउंसलर बन चुकी थीं, इसके बाद भी पति के काम में हाथ बंटवाती थीं. उनके पति को शादी समारोह में डेकोरेशन के काम के साथ गिफ्ट पैकिंग का काम भी मिल जाता है. कई बार एक दिन में शादियां अधिक होने पर पैकिंग करने वाले लोग नहीं मिलते थे. ऐसे में रेखा गुप्ता स्वयं गिफ्ट पैकिंग का काम करती थीं.
उनका विनम्र स्वभाव और मददगार होना ही उनकी इलाके में पहचान है. शालीमार बाग में रहने वाले
सभी मदद करना है आदत
पत्रकार संजय गिरी 2007 में अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि उस समय वो मीडिया में पहचान बनाने की कोशिश कर रहे थे. एक दिन सुबह दूध ब्रेड लेकर लौटते समय तेज बारिश शुरू हो गयी और वो पूरी तरह से भींग गए. रास्ते में काउंसलर रेखा गुप्ता का घर पड़ा. बारिश से बचने के लिए वो वहीं रुक गए. उनके गीले कपड़े देखकर रेखा गुप्ता ने उनसे कि कहा पकड़े गीले होने से बीमार पड़ जाओगे, इसलिए फिलहाल पति के कपड़े पहन लो. संजय गिरी ने धन्यवाद कहते हुए यही कहा कि आप केवल पंखा चला दें जिससे कपड़े सूख जाएंगे. इसके बाद वो स्वयं किचन में जाकर चाय बनाकर ले आयीं.
घर जाने वाले को खाना-नाश्ता जरूर मिलता
संजय गिरी बताते हैं कि रेखा गुप्ता यहां से दो चुनाव हार चुकी हैं, इसके बावजूद क्षेत्र के लोगों के उसी तरह मिलना जुलना जारी रखा. उनके घर जाने वाले लोगों को वो नाश्ता या खाना (जिसका समय हो) खिलाकर जरूरी भेजती थीं. अगर उनकी मेड नहीं आती तो स्वयं ही किचन संभाल लेती थीं.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 20, 2025, 16:00 IST