Last Updated:February 14, 2025, 22:49 IST
H5N1 Bird Flu: ‘अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ के अनुसार, यह वायरस आम जनता के लिए कम जोखिम वाला है. अब तक अमेरिका में बर्ड फ्लू के 67 मामलों की पुष्टि हुई है, लेकिन न्यूयॉर्क में कोई मामला नहीं ...और पढ़ें

अमेरिका में वायरस की वजह लोग काफी बीमार हो रहे हैं. (रॉयटर्स)
हाइलाइट्स
एच5एन1 बर्ड फ्लू जानवरों से इंसानों में फैल रहा है.वेटनरी डॉक्टर्स में एंटीबॉडी पाई गईं.वायरस में नया म्यूटेशन आने पर खतरा बढ़ सकता है.नई दिल्ली. एच5एन1 बर्ड फ्लू चुपचाप जानवरों से कुछ इंसानों तक फैल गया है, खासकर उन लोगों तक जो जानवरों की देखभाल करते हैं. अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बर्ड फ्लू के मामलों की वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है.
इस स्टडी में पाया गया कि वेटरनरी डॉक्टरों में कोई लक्षण नहीं थे, इसलिए उन्होंने इलाज नहीं कराया. इसके विपरीत, मुर्गी पालन से जुड़े मजदूरों में लक्षण दिखाई दिए और उन्होंने इलाज करवाया. अमेरिका पहले से ही बर्ड फ्लू से जूझ रहा है और पिछले साल इस संक्रमण के 68 मामले दर्ज किए गए थे.
टेक्सास यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट डॉ. ग्रेगरी ग्रे के अनुसार, यह स्टडी बताती है कि बर्ड फ्लू के वास्तविक मामलों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक हो सकती है. उनका कहना है कि कुछ लोग अपने काम के कारण इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन उनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं उभरते, इसलिए वे डॉक्टर के पास नहीं जाते.
रिसर्चर्स ने बताया कि केवल मेडिकल सेंटर्स के आंकड़ों के आधार पर बर्ड फ्लू के प्रसार को पूरी तरह से समझ पाना मुश्किल है. इस स्टडी के लिए, वैज्ञानिकों ने अमेरिका के 46 राज्यों के 150 वेटनरी डॉक्टर्स के ब्लड टेस्ट किए. इनमें से किसी को भी लाल आंखें या अन्य आम लक्षण नहीं थे, लेकिन जांच में पाया गया कि 2 से 3 प्रतिशत वेटनरी डॉक्टर्स के शरीर में एच5एन1 वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मौजूद थीं. पहले के स्टडी में यह भी संकेत मिला है कि कुछ डेयरी फार्म के मजदूरों को बर्ड फ्लू के लक्षण हुए थे, लेकिन उनकी सही जांच नहीं हुई.
चूंकि ये स्टडी छोटे स्तर पर किए गए थे, इसलिए बर्ड फ्लू से प्रभावित लोगों की सही संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है. लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये संख्या सैकड़ों या हजारों तक हो सकती है. ग्रे ने कहा कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन यदि यह वायरस बदले या इसमें कोई नया म्यूटेशन आए, तो यह गंभीर बीमारी फैला सकता है और तेजी से फैल सकता है. ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्चर जैकलीन नोल्टिंग के अनुसार, इस पर नजर रखना जरूरी है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 14, 2025, 22:49 IST