Last Updated:March 24, 2025, 20:23 IST
Gopalganj News: गोपालगंज पुलिस ने सड़क हादसों की रोकथाम के लिए आइ रेड एप का उपयोग शुरू किया है. एसपी अवधेश दीक्षित ने सभी थानों में नोडल पदाधिकारी नियुक्त किए हैं. एप से दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग तेज और सटीक होग...और पढ़ें

गोपालगंज पुलिस ने सड़क हादसों की रोकथाम के लिए शुरू किया आइ रेड एप
हाइलाइट्स
गोपालगंज पुलिस ने सड़क हादसों की रोकथाम के लिए आइ रेड एप शुरू किया.गोपालगंज एसपी अवधेश दीक्षित ने सभी थानों में नोडल पदाधिकारी नियुक्त किए.आइ रेड एप से दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग तेज और सटीक होगी. डेमो शुरू हो चुका.गोपालगंज. सड़क हादसों की वजह और उसकी रोकथाम के उपय जानने के लिए पुलिस अब हाइटेक तकनीक का सहारा ले रही है. इसके तहत गोपालगंज पुलिस ने आइ रेड एप का इस्तेमाल शुरू किया है, जो दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग और जानकारी संग्रहण को तेज और सटीक बनाएगा. गोपालगंज के एसपी अवधेश दीक्षित ने प्रत्येक थाने में अपर थानाध्यक्ष को इस एप का नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया है और यातायात डीएसपी मिश्रा संतोष इसकी निगरानी करेंगे.सोमवार को यातायात पुलिस ने ट्रैफिक थाने में सभी पुलिसकर्मियों को इस एप के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी.रंजीत कुमार को ट्रैफिक थाने के आइ रेड एप का नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है. इस एप का डेमो अब शुरू हो चुका है और इसके माध्यम से सड़क हादसों की पूरी जानकारी सीधे एप पर अपलोड की जाएगी. एप का उपयोग सोमवार से एक प्रयोगात्मक चरण के तौर पर शुरू किया गया है. सभी थाना प्रभारी को एप के लिए आइडी और पासवर्ड दे दिए गए हैं.
यह एप इंटिग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा बेस एप है, जिसे मोबाइल से ऑपरेट किया जा सकता है. सड़क हादसा होने पर, मौके पर पहुंचे जांच अधिकारी एप के माध्यम से घटनास्थल की स्थिति, सड़क की चौड़ाई, विजिबिलिटी, स्पॉट होल, और गड्ढों में पानी जैसी जानकारी दर्ज करेंगे. इसके साथ ही, घटनास्थल की फोटो और 10-10 सेकंड का वीडियो भी अपलोड किया जा सकेगा. इस एप के माध्यम से अब नेशनल क्राइम ब्यूरो को हर साल दुर्घटनाओं का अलग से डाटा भेजने की आवश्यकता नहीं होगी.
इसके अलावा, पुलिस विभाग के साथ परिवहन, लोक निर्माण और स्वास्थ्य विभाग को भी इस एप में शामिल किया जाएगा. इससे हादसों के बाद मुआवजा क्लेम की प्रक्रिया में इन विभागों का योगदान सुनिश्चित होगा. जांच अधिकारी सड़क की खराब स्थिति की जानकारी लोक निर्माण विभाग को और तकनीकी खामी की जानकारी परिवहन विभाग को भेज सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग को भी घायलों की इलाज की जानकारी मिलेगी, जिससे हादसों के बाद की प्रक्रिया अधिक सटीक और प्रभावी हो सकेगी.
Location :
Gopalganj,Bihar
First Published :
March 24, 2025, 19:24 IST