वाह! उम्र 11 साल और 9वीं में एडमिशन.. कौन हैं आरव पटेल?

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Last Updated:August 26, 2025, 11:54 IST

Motivational Story: मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहने वाला 11 साल का बच्चा चर्चा में है. इसका नाम आरव पटेल है. इतनी कम उम्र में यह बच्चा क्लास 8 तक की पढ़ाई कर चुका है और क्लास 9 में एडमिशन के लिए कोर्ट-कचहरी के च...और पढ़ें

वाह! उम्र 11 साल और 9वीं में एडमिशन.. कौन हैं आरव पटेल?Aarav Patel Motivational Story: आरव पटेल ढाई साल की उम्र में क्लास 1 में पढ़ाई कर रहे थे

नई दिल्ली (Aarav Patel Motivational Story). नई शिक्षा नीति में हर क्लास में दाखिले के लिए स्टूडेंट की आयु तय की गई है. इसके अनुसार, क्लास 1 में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 6 साल होनी चाहिए. लेकिन कुछ बच्चे विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं यानी उनका दिमाग सुपर कंप्यूटर के बराबर तेज होता है. हाल ही में मध्य प्रदेश में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया. 11 साल का आरव पटेल इतना होशियार है कि उसे प्री प्राइमरी एजुकेशन की जरूरत नहीं पड़ी. अब स्कूल उसे इस उम्र में कक्षा 9 में दाखिला देने को तैयार नहीं हैं.

आरव का एकेडमिक सफर चमत्कार जैसा है. उसने कम उम्र में पढ़ाई शुरू की और हर क्लास में शानदार प्रदर्शन किया. लेकिन जब वह कक्षा 9 तक पहुंचा तो स्कूल प्रशासन ने उसकी उम्र को देखते हुए आगे पढ़ाई पर रोक लगा दी. सवाल यह था- क्या एक बच्चा, जिसने हर क्लास में A-ग्रेड हासिल किया, उसे केवल उम्र कम हहोने की वजह से रोका जा सकता है? न्याय की आस में परिवार जबलपुर हाईकोर्ट तक पहुंचा. अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में प्रतिभा और उम्र को अलग नजरिए से देखना चाहिए.

क्लास1 में एडमिशन की उम्र 6 साल क्यों?

शिक्षा मंत्रालय और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार, क्लास-1 में न्यूनतम आयु 6 वर्ष तय की गई है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि बच्चा प्री-प्राइमरी शिक्षा पूरी करके प्राथमिक स्तर के लिए तैयार हो. इससे cognitive development, लैंग्वेज स्किल्स और social adaptation में समानता रहती है. लेकिन यह नियम एवरेज बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. जब कोई बच्चा असाधारण क्षमता लेकर आता है तो यही नियम उसकी प्रगति में बाधा बन सकता है. ऐसे में इसमें बदलाव करने में कोई बुराई नहीं है.

आरव का असाधारण सफर

आरव के पिता दिलीप पटेल जबलपुर के रांझी में रहते हैं. वे वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड हैं. दिलीप पटेल ने बताया कि आरव बचपन से ही विलक्षण बुद्धि का था. उसकी सीखने-समझने और याद करने की क्षमता सामान्य बच्चों से ज्यादा थी. आरव का जन्म 19 मार्च 2014 को हुआ था. उसकी मां संध्या पटेल बचपन में घर में उसे जो सिखाती थीं, वह उसे बहुत तेजी से सीखता था. ढाई साल की उम्र में ही उसे एटलस में मौजूद ज्यादातर देश और उनकी राजधानियों के नाम याद हो गए थे.

डायरेक्ट क्लास 1 से शुरू की पढ़ाई

दिलीप पटेल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जब वह देवास जिले में पोस्टेड थे, तब एक निजी स्कूल के शिक्षकों ने एडमिशन के दौरान आरव से बातचीत की. उन्हें समझ में आया कि आरव को नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 की पढ़ाई की जरूरत नहीं है. इसलिए उसे सीधे क्लास 1 में एडमिशन दे दिया. तब आरव 2.5 साल का था. एक साल में ही आरव ने क्लास 1 के साथ ही क्लास 2 की पढ़ाई भी पूरी कर ली थी. क्लास 2 में आरव से 25 से ऊपर की संख्याओं का पहाड़ा पूछा गया तो उसने वह भी सुना दिया.

हर क्लास में ए प्लस ग्रेड

तब स्कूल ने आरव को क्लास 2 के बजाय सीधे क्लास 3 में एडमिशन दे दिया था. दिलीप पटेल ने बताया कि इसके बाद उन्होंने हर साल एक क्लास की पढ़ाई करवाई. इस बीच दिलीप का ट्रांसफर जबलपुर हो गया तो आरव का एडमिशन सेंट जोसेफ कॉन्वेंट रांझी में करवाया गया. आरव पहली से 8वीं तक हमेशा ए प्लस ग्रेड में पास हुआ लेकिन जब 9वीं क्लास का फॉर्म भरा तो स्कूल ने रजिस्ट्रेशन से मना कर दिया. स्कूल का तर्क था कि 9वीं के हिसाब से उसकी उम्र कम है. CBSE इसकी मान्यता नहीं देगा. इसलिए उन्हें कोर्ट से मदद लेनी पड़ी.

एमपी हाईकोर्ट ने माना स्पेशल केस

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आरव पटेल के मामले को गंभीरता से लिया. न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा ने आदेश दिया कि आरव को प्रोविजनल तौर पर 9वीं में एडमिशन दिया जाए. साथ ही एक मेडिकल बोर्ड गठित किया जाए, जिसमें मनोचिकित्सक और कंसल्टेंट शामिल हों, जो आरव की इंटेलिजेंस, व्यवहार और सोशल मैच्योरिटी का मूल्यांकन करें. अदालत ने साफ कहा कि नाबालिग होना असाधारण प्रतिभा को नजरअंदाज करने का कारण नहीं हो सकता है. यह फैसला शिक्षा के अधिकार (Article 21A) को ध्यान में रखकर सुनाया गया है.

आईक्यू टेस्ट के बाद साफ होगी राह

सीबीएसई की उम्र संबंधी लिमिटेशन का हल आरव पटेल के आईक्यू टेस्ट से ही निकलेगा. अगर आरव पटेल का IQ लेवल अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा आया तो उसे क्लास 9 में एडमिशन दे दिया जाएगा. आरव पटेल यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं. इसमें वह बच्चों को 9वीं और 10वीं क्लास के मैथ्स के सवाल हल करना सिखाते हैं. आरव पटेल आगे जाकर आईआईटी से बीटेक करना चाहते हैं. फिर आईएएस अफसर बनकर देश सेवा को प्रायोरिटी देंगे. उनकी रुचि विज्ञान और गणित विषयों में है.

Deepali Porwal

Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें

Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...

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First Published :

August 26, 2025, 11:54 IST

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