शांति के लिए युद्ध की तैयारी जरूरी... CDS चौहान ने बताई भारत की तैयारी

5 hours ago

Last Updated:August 26, 2025, 10:17 IST

CDS General Anil Chauhan News: जनरल अनिल चौहान ने महू के आर्मी वॉर कॉलेज में रण संवाद सेमिनार में तीनों सेनाओं के समन्वय, सुदर्शन चक्र प्रणाली और भारत की आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति पर जोर दिया.

शांति के लिए युद्ध की तैयारी जरूरी... CDS चौहान ने बताई भारत की तैयारीसीडीएस अनिल चौहान ने कहा है कि अगर शांति चाहते हैं तो हमे जंग के लिए हमेशा तैयार रहना होगा.

CDS General Anil Chauhan News: देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को महू के आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित पहले ट्राई सर्विसेज सेमिनार रण संवाद में कहा कि टेक्नोलॉजी में प्रगति और युद्ध की बदलती प्रकृति को देखते हुए भारत को भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का जवाब एकजुट, त्वरित और निर्णायक रूप में देना होगा. उन्होंने थल, जल, वायु, साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्रों में युद्ध के विकसित होते स्वरूप पर जोर देते हुए तीनों सशस्त्र बलों- थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच अधिक समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया.

जनरल चौहान ने कहा कि जब संघर्ष का स्वरूप तेजी से बदल रहा है तब हमारा जवाब एकजुट, त्वरित और निर्णायक होना चाहिए. उन्होंने भारत की सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने शस्त्र और शास्त्र के संयोजन को युद्ध में विजय का आधार बताया. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे महाभारत में अर्जुन को श्रीकृष्ण के मार्गदर्शन की आवश्यकता थी और चंद्रगुप्त को चाणक्य की बुद्धिमत्ता की वैसे ही आधुनिक भारत को भी रणनीति और योद्धाओं के संयोजन की जरूरत है.

जनरल चौहान ने रण संवाद में विकसित भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत को न केवल प्रौद्योगिकी में, बल्कि विचारों और व्यवहार में भी ‘शस्त्र, सुरक्षित और आत्मनिर्भर’ होना होगा. उन्होंने समाज के सभी वर्गों में युद्ध की रणनीति, अवधारणाओं और व्यावहारिक तकनीकों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सैन्य रणनीति और युद्ध के तकनीकों का अध्ययन और अभ्यास भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करेगा.

सुदर्शन चक्र: भारत का ‘आयरन डोम’

सेमिनार में जनरल चौहान ने भारत के रणनीतिक रक्षा तंत्र सुदर्शन चक्र की भी चर्चा की, जिसका उल्लेख प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के भाषण में किया था. उन्होंने कहा कि यह प्रणाली 2035 तक लागू होने की उम्मीद है और यह भारत के रणनीतिक, नागरिक और राष्ट्रीय महत्व के स्थानों की सुरक्षा के लिए एक ढाल और तलवार दोनों के रूप में कार्य करेगी. यह प्रणाली दुश्मन के हवाई हमलों का पता लगाने, उन पर नजर रखने और उन्हें निष्प्रभावी करने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे और प्रक्रियाओं पर आधारित होगी. इसमें सॉफ्ट स्किल्स, काइनेटिक हथियार और डायरेक्ट एनर्जी हथियारों का उपयोग शामिल होगा.

शांति के लिए शक्ति जरूरी

जनरल चौहान ने भारत की शांतिप्रिय छवि पर जोर देते हुए कहा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भारत निष्क्रिय रहेगा. उन्होंने लैटिन कहावत का हवाला देते हुए कहा- यदि आप शांति चाहते हैं, तो युद्ध के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि शक्ति के बिना शांति की कल्पना अवास्तविक है. भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करते हुए क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

August 26, 2025, 10:17 IST

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