सभी कार को नहीं मिलता जीरो डेप कवर, सामान्‍य इंश्‍योरेंस से यह कितना अलग?

3 hours ago

Last Updated:August 26, 2025, 12:14 IST

Zero Dep Car Insurance : जीरो डेप और सामान्‍य बीमा में क्‍या अंतर है. आखिर ज्‍यादातर लोग जीरो डेप का ही चुनाव क्‍यों करते हैं. इसमें किस तरह का फायदा मिलता है, जो जीरो डेप में नहीं मिलता.

सभी कार को नहीं मिलता जीरो डेप कवर, सामान्‍य इंश्‍योरेंस से यह कितना अलग?कार का जीरो डेप इंश्‍योरेंस क्‍यों ज्‍यादा फायदे का सौदा है.

नई दिल्‍ली. कार खरीदने वाले ज्‍यादातर लोग इंश्‍योरेंस का चुनाव करते समय जीरो डेप्रिसिएशन या निल डेप्रिसिएशन का चुनाव करते हैं. लेकिन, क्‍या आपको पता है कि जीरो डेप बीमा कवर सभी कारों को नहीं दिया जाता. साथ ही इस तरह के बीमा कवर को खरीदने का आखिर क्‍या फायदा होता है. ऐड ऑन और जीरो डेप्रिसिएशन बीमा कवर में अंतर क्‍या है, क्‍या दोनों में एक जैसी सुविधा मिल जाती है. बीमा एजेंट इन बातों की जानकारी नहीं देते, आप यहां आसानी से इसकी पूरी डिटेल ले सकते हैं.

सामान्‍य तौर पर जीरो डेप्रिसिएशन का मतलब लोग इस बात से लगाते हैं कि किसी हादसे और नुकसान की स्थिति में उन्‍हें अपनी कार सही कराने के लिए किसी भी तरह का कोई भुगतान नहीं करना होगा. इस तरह के बीमा में कार के सभी पार्ट कवर होते हैं, जिससे नुकसान होने पर ग्राहकों की जेब पर इसका कोई असर नहीं होगा. कमोबेश इसी तरह के कवर ऐड ऑन बीमा में भी मिलते हैं. फिर आखिर दोनों अंतर क्‍या है और किस तरह की कार के लिए कौन सा बीमा कवरेज बेहतर होगा.

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क्‍या है जीरो डेप्रिसिएशन कवर?
जीरो डेप्रिसिएशन कवर भी एक तरह का वैकल्पिक ऐड ऑन है, जो कार के नुकसान की पूरी तरह से भरपाई कर देता है. इस तरह के कवर में कार की प्‍लास्टिक, रब और फाइबर के हिस्‍सों का भी बीमा किया जाता है. यानी नुकसान के समय इन नाजुक हिस्‍सों का भी पूरा भुगतान हो जाएगा. इस तरह का बीमा ज्‍यादातर नई कार या लग्‍जरी कार के लिए फायदेमंद होता है, क्‍योंकि इसका प्रीमियम अन्‍य कारों की तुलना में ज्‍यादा होता है. इस तरह के बीमा कवरेज में ज्‍यादा क्‍लेम करने का मौका मिलता है.

सामान्‍य और जीरो डेप में क्‍या अंतर

एक सामान्‍य कार इंश्‍योरेंस के तहत बीमा कंपनियां आपकी गाड़ी के पार्ट पुराने होने पर उसके मूल्‍यहृास के आधार पर क्‍लेम तय करती हैं, जबकि जीरो डेप में आपकी कार के पार्ट कितने भी पुराने क्‍यों न हों, उसकी भुगतान कीमत नए पार्ट के बराबर ही रहती है. ज्‍यादातर कार कंपनियां 5 साल तक ही जीरो डेप इंश्‍योरेंस कवर देती है. कुछ कंपनियां ही इसे 7 साल तक बढ़ाती हैं, जबकि सामान्‍य बीमा पुरानी कारों के लिए होता है.

उदाहण से समझें क्‍या है अंतर

मान लीजिए किसी दुर्घटना में आपकी कार का बंपर, साइड मिरर और हेडलाइट टूट जाता है, जिसे सामान्‍य और जीरो डेप बीमा कवर के तहत क्‍लेम किया जाता है, तो… बंपर की कीमत 20 हजार रुपये तो सामान्‍य बीमा के तहत इसका 50 फीसदी मूल्‍यहृास के तहत 10 हजार का भुगतान होगा, जबकि जीरो डेप में पूरी 20 हजार की राशि का भुगतान किया जाएगा. इसी तरह, साइड मिरर का मूल्‍य अगर 10 हजार है और इस पर सामान्‍य बीमा में 40 फीसदी का मूल्‍यहृास लगता है तो सिर्फ 6 हजार ही दिया जाएगा, जबकि जीरो डेप के तहत पूरी 10 हजार की राशि मिलेगी. हेडलाइट की कीमत अगर 10 हजार है और सामान्‍य बीमा में 40 फीसदी मूल्‍यहृास लगता है तो सिर्फ 6 हजार रुपये का भुगतान होगा, जबकि जीरो डेप के तहत पूरी 10 हजार की राशि मिलेगी. इस कैलकुलेशन से आपने देखा कि दुर्घटना में 40 हजार का नुकसान होने पर सामान्‍य बीमा में 22 हजार का ही भुगतान किया जाएगा, जबकि जीरो डेप में पूरी 40 हजार की राशि मिलेगी.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 26, 2025, 12:14 IST

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