14 सालों के वनवास में लक्ष्मण नहीं सोए एक भी दिन, ना कुछ खाया, ऐसा कैसे किया

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Last Updated:January 10, 2025, 12:54 IST

Ramayan Katha: राम और सीता के साथ 14 सालों के लिए वनवास पर गए लक्ष्मण के बारे में कहा जाता है कि वह इस दौरान एक दिन भी नहीं सोए. कैसे उन्होंने नींद को हराया.

14 सालों के वनवास में लक्ष्मण नहीं सोए एक भी दिन, ना कुछ खाया, ऐसा कैसे किया

हाइलाइट्स

लक्ष्मण14 वर्ष तक सोए नहीं, भाई की रक्षा हेतुउर्मिला ने लक्ष्मण के बदले सोकर वरदान पूरा कियामेघनाद वध के लिए 14 वर्ष निद्रा त्याग जरूरी था

पौराणिक कथाओं के अनुसार  जब लक्ष्मण अपने बड़े भाई राम और सीता के साथ 14 सालों के लिए वनवास पर गए तो वह एक दिन भी नहीं सोए. वह रात में लगातार जगकर अपने भाई और भाभी की रखवाली करते थे.

इस कारण उन्हें ‘गुडा केश’ कहा जाता था. गुडा केश का मतलब जो निद्रा का स्वामी हो. अपनी इसी खासियत की वजह से लक्ष्मण लंका युद्व में रावण के बड़े पुत्र और बेहद पराक्रमी योद्वा और अति बलशाली मेघनाद का वध करने में सफल रहे थे. लक्ष्मण ने अपने बाण से मेघनाद का सिर धड़ से अलग कर दिया था.

मेघनाद को मिला था वरदान
कथाओं के अनुसार रावण ने स्वर्ग पर अपना कब्जा जमाने के लिए देवताओं पर आक्रमण कर दिया था. इस युद्व में मेघनाद ने भी भाग लिया था. मेघनाद ने इंद्र सहित सभी देवताओं को परास्त कर दिया. जिसके बाद उन्हें इंद्रजीत के नाम से पुकारा जाने लगा.

युद्व जीतने के बाद मेघनाद जब लंका जाने लगे तो उन्होंने इंद्र को अपने साथ ले लिया. ब्रह्मा जी ने मेघनाद से कहा कि अगर वो इंद्र को मुक्त कर देंगे तो वह उन्हें एक वरदान देंगे. ब्रह्मा जी ने मेघनाद का अमर होने का वरदान तो ठुकरा दिया, लेकिन उन्हें आशीर्वाद दिया कि पृथ्वी पर एक केवल एक व्यक्ति ही उसका वध कर सकता है जो 14 सालों तक सोया नहीं हो. 

जब लक्ष्मण अपने बड़े भाई राम और सीता के साथ 14 सालों के लिए वनवास पर गए तो ना तो एक भी दिन सोए, ना खाए और ना ही किसी स्त्री के चेहरे को देखा. (Image generated by Leonardo AI)

क्यों राम भी नहीं मार सकते थे मेघनाथ को
एक बार ऋषि अगस्त्य ने कहा था कि मेघनाद को खुद भगवान श्रीराम भी नहीं मार सकते थे. उन्हें तो केवल लक्ष्मण ही मार सकते थे. कथाओं के अनुसार एक बार ऋषि अगस्त्य अयोध्या आए तो लंका युद्व पर चर्चा होने लगी.

श्रीराम ने उन्हें बताया कि किस तरह से उन्होंने रावण और कुंभकर्ण जैसे महारथियों का वध किया था. अनुज लक्ष्मण ने भी मेघनाद और अतिकाय जैसे शक्तिशाली असुरों का वध किया था. ऋषि अगस्त्य ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि रावण और कुंभकर्ण अति शक्तिशाली थे, लेकिन सबसे बड़ा वीर मेघनाद ही था. लक्ष्मण ने उसका वध किया. केवल वही ऐसे व्यक्ति थे जो उसका संहार कर सकते थे.

राम को हुआ आश्चर्य
ऋषि अगस्त्य से लक्ष्मण की प्रशंसा सुनकर राम प्रसन्न तो बहुत हुए, लेकिन उन्हें आश्चर्य भी हुआ कि ऐसी क्या बात थी कि मेघनाद को केवल लक्ष्मण ही मार सकते थे. राम ने ऋषि अगस्त्य से अपनी जिज्ञासा प्रकट की. तब ऋषि अगस्त्य ने बताया कि मेघनाद को वरदान मिला था कि उसका वध वही कर सकता है जो 14 वर्षों से सोया ना हो, 14 वर्षों तक किसी स्त्री का मुख न देखा हो और जिसने 14 वर्षों तक भोजन न किया हो.

श्रीराम ने कहा, ऐसा कैसे संभव है कि लक्ष्मण ने सीता का मुख न देखा हो, जबकि मैं और सीता बगल की कुटिया में रहते थे. 14 वर्षों तक सोए न हो यह भी कैसे संभव है. फिर 14 वर्षों तक मैं नियमित रूप से लक्ष्मण को भोजन के लिए फल-फूल देता था. 

क्या कहा लक्ष्मण ने
ऋषि अगस्त्य ने कहा कि क्यों न लक्ष्मण से ही यह पूछ लिया जाए. लक्ष्मण ने बताया कि मैंने कभी सीता जी के चरणों के ऊपर देखा ही नहीं, इसीलिए मैं उनके आभूषणों को पहचान नहीं सका था. लक्ष्मण ने कहा कि जब आप फल-फूल देते थे तो कहते थे कि लक्ष्मण फल रख लो, आपने कभी खाने को कहा ही नहीं. फिर आपकी आज्ञा के बिना मैं कैसे खाता. 14 वर्षों तक नहीं सोने के बारे में लक्ष्मण ने कहा कि आप और सीता माता एक कुटिया में सोते थे. मैं बाहर धनुष पर बाण चढ़ाए रक्षा में खड़ा रहता था.

निद्रा देवी ने दिया वरदान
लक्ष्मण ने कहा कि वनवास की पहली रात को ही जब राम और सीता माता सो रहे थे तो निद्रा देवी आईं. लक्ष्मण ने निद्रा देवी से प्रार्थना कि उन्हें ऐसा वरदान दें कि पूरे वनवास के दौरान उन्हें नींद न आए ताकि वह अपने प्रिय भाई और भाभी की रक्षा कर सकें.

निद्रा देवी प्रसन्न होकर बोलीं कि अगर कोई तुम्हारे बदले 14 सालों तक सोए तो यह वरदान तुम्हें प्राप्त हो सकता है. इसके बाद लक्ष्मण के आग्रह पर निद्रा देवी लक्ष्मण की पत्नी और सीता की बहन उर्मिला के पास पहुंचीं. उर्मिला ने लक्ष्मण के बदले पूरे वनवास के दौरान सोना स्वीकार कर लिया और वह 14 वर्षों कर सोती रहीं.

लक्ष्मण ने श्रीराम से कहा कि मैंने गुरु विश्वामित्र से एक अतिरिक्त विद्या का ज्ञान लिया था. इसके जरिये कोई भी व्यक्ति बिना अन्न ग्रहण किए जीवित रह सकता है. लक्ष्मण ने कहा कि उसी विद्या से मैंने अपनी भूख नियंत्रित की. यह सुनकर प्रभु श्रीराम ने लक्ष्मण को गले से लगा लिया.

एक सामान्य आदमी बगैर नींद कितने दिनों तक रह सकता है
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि एक व्यक्ति लगातार 11 दिनों तक बिना सोए रह सकता है. हालांकि, ऐसा करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, यहां तक कि मौत भी हो सकती है.
वैसे हर व्यक्ति अलग होता है और बिना सोए रहने की क्षमता भी हर व्यक्ति में भिन्न होती है. उम्र, स्वास्थ्य, जीवनशैली और अन्य बातें भी इस क्षमता को प्रभावित करती हैं. बिना सोए रहने से शरीर और मन दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं.

एक सामान्य व्यक्ति बिना खाए कितने दिनों तक रह सकता है?
आमतौर पर, यह माना जाता है कि एक स्वस्थ व्यक्ति बिना खाए लगभग 3 से 8 सप्ताह तक जीवित रह सकता है. यह तभी संभव है जब व्यक्ति के पास पर्याप्त पानी हो. पानी हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी तत्व है. बिना पानी के हम कुछ ही दिनों में मर सकते हैं.

जब हम खाना नहीं खाते हैं तो हमारा शरीर पहले से जमा वसा और ग्लाइकोजन का उपयोग ऊर्जा के रूप में करना शुरू कर देता है. इसके बाद, शरीर मांसपेशियों को तोड़ना शुरू कर देता है ताकि ऊर्जा प्राप्त की जा सके. यह प्रक्रिया बहुत ही हानिकारक होती है. इससे शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंच सकता है.

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