Last Updated:January 13, 2025, 16:17 IST
Rishikesh-Karnaprayag Rail Line : भारतीय रेलवे ने उत्तराखंड में ऐसा प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिससे पूरी दुनिया में धाक जम जाएगी. यह प्रोजेक्ट चारधाम यात्रियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा. इसकी खास बात लंबी सुरंगें और आसान सफर होगा.
नई दिल्ली. इन्फ्रा क्षेत्र में भारत लगातार नए-नए रिकॉर्ड बनाता जा रहा है. पहले दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया और अब देश के सबसे लंबे रेलवे टनल की बारी है. भारतीय रेलवे ने उत्तराखंड में देश की सबसे लंबी टनल बनाने का काम लगभग पूरा कर लिया है. इतना ही नहीं इस रेलवे ट्रैक पर सबसे ज्यादा दूरी वाली सुरंगें बनाई जाएंगी. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक जाने वाली इस रेलवे लाइन के तैयार होने के बाद चारधाम की यात्रा करने वालों को काफी सहूलियत होगी.
भारतीय रेलवे उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयास रेल लाइन (Rishikesh-Karnaprayag New BG Rail Line) प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. इस रेलवे ट्रैक की कुल लंबाई 125.20 किलोमीटर है, जिसमें से 105 किलोमीटर का ट्रैक सुरंगों के बीच से गुजरेगा. यह देश की सबसे लंबी रेलवे टनल होगी, जो इस सफर को महज 2 घंटे में पूरा कर देगी. अभी सड़क मार्ग से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक जाने में करीब 7 घंटे का समय लग जाता है. जाहिर है कि इस रेलवे ट्रैक के निर्माण से समय और पैसा दोनों की बचत होगी.
17 सुरंगें और 35 पुल बनेंगे
भारतीय रेलवे का यह प्रोजेक्ट काफी खास है, क्योंकि 125 किलोमीटर के इस ट्रैक पर कुल 17 सुरंगें बनाई जाएंगी. इन सुरंगों का ही सबसे अहम रोल होगा, जो इस ट्रैक के 12 स्टेशनों से गुजरेंगी. इतना ही नहीं पहाड़ी रास्तों को पार करने के लिए रेलवे को 35 पुल भी बनाने होंगे. इस ट्रैक पर बनी सबसे लंबी सुरंग 15.1 किलोमीटर की होगी, जो देवप्रयास से लछमोली के बीच बनाई जा रही है. टनल निर्माण में हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे.
कर्णप्रयाग और ऋषिकेष के बीच 105 किमी टनल बनाई जा रही है.
213 किलोमीटर तक होगा निर्माण
मंत्रालय ने पिछले दिनों ट्वीट कर बताया कि इस प्रोजेक्ट पर टनल और स्टेशन दोनों के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. कुल 213 किलोमीटर तक टनल बनाई जानी है, जिसमें से 176 किलोमीटर तक टनल निर्माण पूरा हो चुका है. इसके अलावा 11 स्टेशन बनाने का काम भी जोरों से चल रहा है. यह रेलवे ट्रैक तैयार होने के बाद न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचना आसान हो जाएगा.
5 जिलों को होगा फायदा
सुरंग को 2 भागों में बनाया जा रहा है, जिसमें एक तो मुख्य सुरंग होगी, जिससे ट्रेन को गुजारा जाएगा. इसके साथ ही दूसरी सुरक्षा सुरंग बनाई जा रही है, जो किसी आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए इस्तेमाल की जाएगी. हर 500 मीटर पर दोनों सुरंगों को जोड़ने के लिए क्रॉस रोड भी बनाई जाएगी. इसका फायदा उत्तराखंड के 5 जिलों को मिलेगा. देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों के लोगों के लिए आवाजाही इससे आसान हो जाएगी. चारधाम की यात्रा करने वालों के लिए भी यह आवाजाही आसान हो जाएगी.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
January 13, 2025, 16:17 IST