Opinion: विदेश भागने वाले अपराधियों में किस तरह दहशत भर देगा CBI का भारतपोल?

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Last Updated:January 10, 2025, 11:10 IST

Bharatpol News: इंटरपोल की तर्ज पर इंडिया का अपना भारतपोल आ गया. अब विदेश भागने वाले अपराधियों की खैर नहीं. इस भारतपोल के जरिए अपराधियों को विदेश से लाना आसान हो जाएगा.

 विदेश भागने वाले अपराधियों में किस तरह दहशत भर देगा CBI का भारतपोल?

भारतपोल की शुरुआत अमित शाह ने की थी.

लगातार तेज रफ्तार होती जा रही दुनिया ग्लोबल विलेज में बदलती जा रही है. दुनिया के सभी देशों को इस तेज रफ्तारी से कदमताल करने की जरूरत है. जो पिछड़ेगा, वह विकास की होड़ में भी पिछड़ता जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने हर क्षेत्र में यह रफ्तार हासिल करने की जो पहल शुरू की है, उसकी मीनारें साफ-साफ दिखाई देने लगी हैं. सड़कों, हवाईअड्डों, बंदरगाहों, पुलों और अस्पतालों समेत पूरे देश में बुनियादी ढांचे के विकास को तरजीह दी जा रही है.

पीएम मोदी ने हाल ही कहा कि भारत को जल्द ही बुलेट ट्रेन मिल जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सात जनवरी को ही कहा है कि रक्षा साज-ओ-सामान के मामले में भारत तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. दुनिया के आधे से ज्यादा देशों को भारत से सैन्य सामग्री का एक्सपोर्ट होने लगा है. ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक मामलों में भारत को नए युग में प्रवेश करा दिया है. दुनिया के साथ चलने की यह पहल राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में भोरतपोल पोर्टल के लॉन्च के साथ शुरू की गई.

भारतपोल से क्या फायदा
अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी इंटरपोल के साथ तालमेल बनाने का काम अभी तक केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के पास ही था. लेकिन अब भारत की सभी जांच एजेंसियां और राज्यों की पुलिस भी भारतपोल पोर्टल के जरिये सीधे इंटरपोल से संपर्क कर सकेंगी. इस लिहाज से भारतपोल पोर्टल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. इसकी मदद से राज्यों की पुलिस ऐसे मामलों की जांच तेजी से कर पाएंगी, जिनके तार विदेश से जुड़े होते हैं. भारतपोल का विकास सीबीआई ने किया है.

भगोड़ों पर तेजी से कार्रवाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक, यह पोर्टल अपराधों का विश्लेषण करने, उन्हें रोकने और अपराधियों को पकड़ने में मददगार साबित होगा. उन्होंने कहा कि भारतपोल से भारत की हर एजेंसी और पुलिस बल बहुत आसानी से इंटरपोल के साथ जुड़कर कर जांच को रफ्तार दे सकेगा. शाह ने कहा कि कई वर्षों तक भारत में अपराध कर विदेश चले जाते हैं. ऐसे अपराधी भारतीय कानूनों की जद में आएं, अब यह जरूरी हो गया है.

उन्होंने यह जानकारी भी दी कि मोदी सरकार के तीन नए आपराधिक कानूनों में अपराधी की गैर-मौजूदगी में भी केस चलाने का प्रावधान किया गया है. इससे भी भगोड़े अपराधियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी. अब दुनिया के किसी भी कोने में छिपे अपराधियों को भारतीय न्याय प्रणाली के तहत सजा दिलाना बहुत आसान हो जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी, मानव तस्करी, सीमा पार से होने वाली आतंकवादी वारदात जैसे अपराधों में यह नई व्यवस्था बहुत मददगार साबित होगी.

पांच प्रमुख प्रारूप
1. अमित शाह ने कहा कि भारतपोल के पांच खास प्रारूप कनेक्ट, इंटरपोल नोटिस, रेफरेंस, ब्रॉडकास्ट और रिसोर्स के जरिये हमारी सभी कानून जांच एजेंसियों को मदद का एक तकनीकी मंच मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कनेक्ट के माध्यम से हमारी सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब एक तरह से इंटरपोल की नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी-नई दिल्ली) बन जाएंगी. उन्होंने कहा कि इंटरपोल के जरिये अपराधियों से जुड़े नोटिस देने की रफ्तार में बहुत तेजी आ जाएगी. इस रियल टाइम इंटरफेस से अपराधियों को लुका-छिपी के लिए बहुत वक्त नहीं मिलेगा.

2. नई व्यवस्था से 195 देशों के इंटरपोल रेफरेंस के जरिये विदेश में जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद लेना और देना बहुत सरल आसान जाएगा. 195 देशों से मदद के लिए अनुरोध, हमारे पास ब्रॉडकास्ट के जरिये तुरंत उपलब्ध होंगे और रिसोर्स के जरिये हम दस्तावेजों और क्षमता निर्माण को हासिल करने और भेजने की व्यवस्था खड़ी कर सकेंगे. भारतपोल पोर्टल युवा अधिकारियों के लिए 19 तरह के इंटरपोल डेटाबेस एनालिसिस, अपराध रोकने और अपराधियों को पकड़ने के लिए भी उपलब्ध होंगे.

3. विदेश ही नहीं, अंतरराज्यीय मामलों की जांच-पड़ताल में भी तेजी आएगी. केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्तर पर जांच में तेजी आएगी. अभी सीबीआई, आईएलओ, और यूओ के बीच संचार खास तौर पर चिट्ठियों, ई-मेल और फैक्स से ही किया जाता है. लेकिन अब कोई भी सूचना भारतपोल पोर्टल पर रियल टाइम में अपलोड की जा सकेगी.

4. अमित शाह ने कहा कि सरकार की नीतियों से ‘साइंटिफिक रोडमैप’ और समयबद्ध कार्यक्रम के तहत ‘रीजनल लीडर’ से ‘ग्लोबल लीडर’ बनने की भारत की यात्रा को आकार मिला है और इस रास्ते पर हम आगे भी बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे बढ़ते और वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हमें अपनी व्यवस्थाओं को अपग्रेड करना होगा और भारतपोल इसी दिशा में एक कदम है.

5. साफ है कि भारतपोल पोर्टल की शुरूआत भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को और असरदार बनाने में कामयाब होगी. कहा जाता है कि अगर इंसाफ मिलने में बहुत देर होती है, तो वह सही इंसाफ नहीं कहा जा सकता. ऐसे में भारतपोल पोर्टल पुलिस और दूसरी जांच एजेंसियों को न सिर्फ देशव्यापी जांच-पड़ताल में मदद मिलेगी, बल्कि विदेश भाग कर खुद को सुरक्षित मानने वाले अपराधियों में भी दहशत का भाव भरेगा कि अब वे बच नहीं सकते.

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