कांग्रेस MLA को स्टोन क्रेशर पर HC से झटका, IPS इल्मा से भी हुआ था टकराव

6 hours ago

Last Updated:January 10, 2025, 11:10 IST

हिमाचल प्रदेश की महिला आईपीएस इल्मा अफरोज से कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी का टकराव हुआ था और अब स्टोन क्रशर मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया है. स्टोन क्रशर पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है.

कांग्रेस MLA को स्टोन क्रेशर पर HC से झटका, IPS इल्मा से भी हुआ था टकराव

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के दून विधानसभा से विधायक राम कुमार चौधरी.

शिमला. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला सोलन के बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ में स्थापित स्टोन क्रशरों पर नियमों का उल्लंघन कर संचालन करने से जुड़े मामले में नोटिस जारी किया है. हाइकोर्ट ने आरोपों को लेकर दायर याचिका में दून से विधायक राम कुमार (MLA Ram Kumar Chaudhary) के दोनों स्टोन क्रशरों सहित प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी नोटिस जारी किया है. गौरतलब है कि हाल ही में बद्दी की एसपी रही आईपीएस इल्मा अफरोज (IPS Illam Afroj) से भी विधायक का टकराव देखने को मिला था. हालांकि, वह अलग मामला है.

दरअसल, कृष्ण कुमार ने हाइकोर्ट में याचिका के माध्यम से कहा कि बीबीएन क्षेत्र की सभी स्टोन क्रशर इकाइयों ने अपने पट्टे की अवधि और हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र की अवधि समाप्त होने के बाद फिर से अपने पट्टे का नवीनीकरण किया और प्रदूषण मंजूरी भी प्राप्त की. याचिका के माध्यम से आरोप लगाया है कि उनमें से किसी ने भी प्रतिवादी अधिकारियों के समक्ष यह खुलासा नहीं किया है कि एक क्रशिंग मशीनरी के स्थान पर, उन्होंने उसी क्रशर इकाई में 8 से 10 क्रशिंग इकाइयां स्थापित की हैं और वे पट्टे की भूमि से भारी मात्रा में खनन खनिज निकाल रहे हैं.

अनुमति से हजारों गुणा खनन का भी आरोप

याचिका में इन स्टोन क्रशरों की ओर से खनन की प्रारंभिक अनुमति से हजारों गुणा खनन का भी आरोप है. इसके अलावा, 10 से 20 ट्रकों के बजाय सैकड़ों ट्रक माल ढुलाई में तैनात किए हैं. याचिकाकर्ता ने हरिपुर संडोली तहसील नालागढ़ में स्थापित मैसर्स शिव भोले स्टोन क्रशर, मैसर्स कुंडलास स्टोन क्रशर, रामा स्टोन क्रशर, मैसर्स गुप्ता स्टोन क्रशर और मैसर्स दून स्टोन क्रशर का संबंधित अधिकारियों से निरीक्षण करवाए जाने की मांग की. इन स्टोन क्रशरों की प्रत्येक क्रशर इकाई में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिए जाने और इन स्टोन क्रशर इकाइयों के संबंध में जांच चौकियां और माप पुल स्थापित करने का निर्देश जारी करने की मांग की है, जिससे क्रशर इकाइयां उस क्षमता से अधिक खनन खनिजों का उत्खनन और आपूर्ति न कर सकें.

इसके लिए उद्योग विभाग की ओर से इन्हें अनुमति दी गई है. इसी प्रकार की जांच चौकियां और माप पुल पंजाब राज्य की सीमा पर भी स्थापित करने की मांग की गई है, ताकि हिमाचल प्रदेश से पंजाब राज्य में अवैध खनन सामग्री का परिवहन न किया जा सके, क्योंकि उक्त अवैध परिवहन से हिमाचल प्रदेश राज्य को भारी सरकारी खजाने की हानि होती है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उद्योग विभाग को लेकर भी सवाल

प्रार्थी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उद्योग विभाग में सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और उपयुक्त कर्मचारियों को तैनात करने का निर्देश दिए जाने की मांग भी की है. प्रार्थी का कहना है कि अवैध खनन और क्षेत्र में फार्मा कंपनियों के अवैध संचालन के बारे में लोगों की लगभग 200 शिकायतें हैं, लेकिन उन शिकायतों को आज तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संबंधित अधिकारी की ओर से कानून के अनुसार नहीं निपटाया है, जिसका कारण उन्हें ही सबसे अच्छी तरह से पता है.

फार्मा कंपनियों को चलाने के लिए एनओसीएस

इसके अलावा, ऐसे उद्योग हैं, जिन्होंने अपनी फार्मा कंपनियों को चलाने के लिए एनओसीएस के लिए आवेदन किया है, लेकिन उन्हें मंजूरी नहीं मिली है. फिर भी ये फार्मा कंपनियां बिना किसी अनुमति के बद्दी क्षेत्र में काम कर रही हैं और फार्मा कंपनियों को चलाने के लिए नई अनुमति प्राप्त करने के लिए लगभग 100 से अधिक आवेदन हैं, लेकिन उन आवेदनों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. प्रार्थी ने क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी बद्दी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.

Read Full Article at Source