Last Updated:March 04, 2025, 11:12 IST
Delhi Crime News: बेसुध पड़ी नफीसा के लिए दिल्ली पुलिस फरिस्ता बनकर आई. यदि दिल्ली पुलिस सही समय पर मौके पर नहीं पहुंचती तो शायद नफीसा को उसकी खुशी दोबारा कभी नहीं मिल पाती.

हाइलाइट्स
दिल्ली पुलिस ने बेसुध नफीसा की मदद की.पुलिस ने नफीसा के खोए बच्चे को ढूंढा.नफीसा को उसकी मुस्कान वापस मिली.Delhi Crime News: जमीन पर बेसुध पड़ी नफीसा (बदला हुआ नाम) की आंखों से आंसू लगातार बहे जा रहे थे. आस पास बैठी औरतों में कोई नफीसा को पानी पिलाने की कोशिश कर रहा था, तो कोई उसके माथे पर तसल्ली का हाथ फेर रहा था. वहीं, चंद कदमों की दूरी पर खड़ा उसका शौहर उसे एक टक निहारे जा रहा था. तभी कमरे में एक बुजुर्ग दाखिल होते हैं और इशारों ही इशारों में शौहर से पूछते हैं- क्या किया?
चचा! मैं तो सिर्फ… शौहर बस इतना बोल ही पाया था कि नफीसा ने अपनी आंखे खोल दी और फुर्ती के साथ उठकर बैठ गई. वह आंसुओं से भरी अपनी आंखों से अपने शौहर को घूरे जा रही थी. नफीसा की आंखों में झांकते ही शौहर को अहसास हो गया कि उसकी आंखों से आंसू नहीं, बल्कि अंगारे बरस रहे हैं. उसके मुंह से एक और अल्फाज निकला, तो शायद वो अंगारे उसे वहीं पर खाक कर देंगे.
पुरानी दिल्ली के फुटपाथ से शुरू हुई दूसरी कहानी
वहीं, नफीसा की तल्खी और मौके की नजाकत को देखते हुए बुजुर्ग शौहर का हाथ पकड़कर कमरे से बाहर ले आए. बाहर आने के बाद बुजुर्ग ने तफ़्सील से सबकुछ बताने के लिए कहा. वहीं अब तक जो हुआ था, शौहर उसे तफ़्सील से बयां करता चला गया. आखिर में, बुजुर्ग ने तसल्ली देते हुए कहा- ऊपर वाले पर भरोसा रखो, सब ठीक हो जाएगा. खुशियां एक बार दहलीज पर दस्तक देंगी.
वहीं दूसरी तरफ, पुरानी दिल्ली इलाके से गुजर रहे एक पुलिस कॉन्स्टेबल की नजर फुटपाथ पर बैठे एक बच्चे पर आकर रुक जाती है. बच्चे की उम्र करीब पांच साल रही होगी और वह खिलख बिलख कर रोए जा रहा था. कॉन्स्टेबल ने बच्चे से उसका नाम पूछा, लेकिन वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था. वह ना ही अपने अपना नाम बता पा रहा था और ना ही घर वालों के बारे में कुछ बता पा रहा था.
एक छोटी सी कोशिश से नफीसा के चेहरे पर लौटी खुशी
पुलिस कॉन्स्टेबल ने किसी तरह बच्चे को शांत किया और अपने साथ लेकर पुलिस स्टेशन आ गए. बच्चे के घर वालों का पता लगाने के लिए पुलिस ने रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप और व्यस्त बाजारों जैसे कपड़ा बाजार, खारी बावली और चांदनी चौक में बच्चे की तस्वीरें बांटी गई. आसपास के पुलिस स्टेशनों को भी इत्तिला कर दी गई. वहीं, रमजान को नजर में रखते हुए मस्जिदों में भी बच्चे के बारे में बताया गया.
पुलिस की कवायद काम आई और बच्चे के वालिद को खोज लिया गया. दरअसल, इस बच्चे का वालिद वही नफीसा का शौहर था, जिसके घर में कई घंटों से मातम पसरा हुआ था. बातचीत में पता चला कि नसीफा का बच्चा मानसिक रूप से कमजोर है. दोपहर, उसका शौहर बच्चे के साथ नमाज पढ़ने के लिए फतेहपुरी मस्जिद गया था. पता नहीं कैसे वह अपने वालिद से अलग हो गया. फिर उसका कहीं पता नहीं चला.
वहीं, पुलिस की एक इमानदार कोशिश से न केवल पांच साल के बच्चे को उसका परिवार मिल गया, बल्कि नफीसा को उसकी जिंदगी और मुस्कान एक बार फिर वापस मिल गई.
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
March 04, 2025, 11:12 IST