पानी में तब तक डुबाया जब तक...दादा ने अंधविश्वास में आकर नवजात पोते की ली जान

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Last Updated:January 10, 2025, 12:18 IST

Aritalur murder case: एक परिवार में अंधविश्वास और मानसिक असंतुलन के कारण एक दादा ने अपने पोते की जान ले ली. जांच में यह पता चला कि हत्या योजना के तहत की गई थी, जिससे परिवार में दुख का माहौल बना.

पानी में तब तक डुबाया जब तक...दादा ने अंधविश्वास में आकर नवजात पोते की ली जान

दादा ने अंधविश्वास में आकर पोते को मारा

अरियालुर जिले के जयनगोंडम के पास एक अजीब और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक दादा ने अपने पोते की जान ले ली. यह घटना चित्राई महीने में हुई, जब दादा ने अपने पोते को पानी में डुबोकर मार डाला. उसकी यह हिम्मत एक अंधविश्वास से पैदा हुई थी कि उसके पोते से उसकी जान को खतरा हो सकता है.

जिंदगी और मौत के बीच का खेल
फिल्म विक्रम में जहाँ दादा अपने पोते की देखभाल करते हैं, वहीं असल जीवन में यह दादा अपने पोते के लिए एक खौ़फनाक उदाहरण बन गया. उसका मानना था कि उसका पोता उसके लिए खतरा है और उसी डर के चलते उसने मासूम बच्चे की जान ले ली. जोसियर का कहना है कि यह अंधविश्वास और डर उस दादा की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर रहा था.

एक खुशहाल परिवार की कहानी
संगीता, जो कि अरियालुर जिले के जयंगकोंडम के पास उत्कोटाई की रहने वाली हैं, की शादी कुंभकोणम के पास सुंदर पेरुमल मंदिर के बालामुरुगन से हुई थी. हाल ही में उनका एक बच्चा हुआ था. चूँकि बालामुरुगन तिरुपुर में काम कर रहे थे, संगीता अपनी माँ के घर पर रहती थी. 14 जून को बालामुरुगन अपने बेटे को देखने के लिए शहर आए थे. लेकिन घर जाकर उसने देखा कि बच्चा गायब था. संगीता गहरी नींद में सो रही थी, और सुबह 5 बजे बच्चे को दूध पिलाकर सुलाने के बाद वह सो गई थी.

मासूम की हत्या की ख़बर
बालामुरुगन ने घर में बच्चे की तलाश शुरू की, लेकिन बच्चा कहीं नहीं मिला. फिर वह खौ़फनाक दृश्य सामने आया – बच्चा घर के शौचालय में पानी के बैरल में मृत अवस्था में तैर रहा था. यह देखकर पड़ोसियों ने शोर मचाया और पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने तुरंत शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू की.

पुलिस की जांच और सनसनीखेज खुलासा
पुलिस ने इस मामले में एक बड़ा खुलासा किया. जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि बच्चा पानी के बैरल में गिरकर नहीं मरा था. पुलिस ने पुष्टि की कि बच्चे की हत्या की गई थी. बच्चे की मां ने पहले ही शक जताया था कि यह काम उनके पड़ोस में रहने वाले किसी व्यक्ति का हो सकता है. हालांकि पुलिस को यह भी शक था कि बाहरी लोग घर में घुसकर बच्चे को मार सकते थे, लेकिन वे इसे असंभव मान रहे थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि बच्चे की हत्या गला घोंटकर, डुबोकर और यातनाओं के बाद की गई थी. इस खुलासे के बाद पुलिस ने बच्चे के दादा वीरामुथु पर जांच तेज कर दी.

दादा का चौंकाने वाला कबूलनामा
पुलिस ने वीरामुथु से पूछताछ की, और शुरुआत में उसने विरोधाभासी जवाब दिए. लेकिन बाद में उसने चौंकाने वाला कबूलनामा किया. उसने कहा, “चित्राई महीने में जन्मे मेरे पोते के कारण मेरी जान को खतरा था, इसलिए मैंने ही उसे मार डाला.” इसके अलावा, परिवार की ऋण समस्या को भी उसने अपनी हत्या की वजह बताया.

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